
बिहार (BIHAR) में श्रम संसाधन विभाग ने आदेश जारी किया है. विभाग ने कामगारों व नियोक्ताओं के बीच बेहतर संबंध बनाने के लिए नियमावली बनाई है. इसके तहत तय किया गया है कि निबंधित कारखानों में काम करने वाले कामगारों से तय अवधि में ही काम लिया जाय. एक कामगार से अधिकतम आठ घंटे ही काम लिया जाएगा. राज्य के कल-कारखानों में आठ घंटे से अधिक काम कराने पर कामगारों को दोगुना वेतन देना होगा. विभाग के इस निर्णय का लाभ राज्य के निबंधित आठ हजार से अधिक फैक्ट्री के दो लाख से अधिक कामगारों को होगा.
अगर आपातकालीन स्थिति में कामगारों से एक दिन में 12 घंटे से अधिक काम लिए गए तो किसी वर्ष की एक तिमाही में 125 घंटे ही कामगारों से काम लिए जाएंगे. इस तरह सप्ताह में एक साप्ताहिक अवकाश को मिलाकर कामगार से अधिकतम 48 घंटे ही काम लिया जा सकेगा. विशेष परिस्थिति में अगर कोई नियोक्ता चाहे तो वे कामगार से आठ घंटे से अधिक काम ले सकते हैं लेकिन एक दिन में अधिकतम 12 घंटे तक ही काम लिया जा सकेगा.
तय समय से अधिक काम कराने पर विभाग ने साफ कर दिया है कि अगर कोई कामगार आठ घंटे से अधिक काम करेगा तो उसे ओवरटाइम के तौर पर दोगुना वेतन देना होगा. कामगारों को यह राशि दैनिक या मासिक के तौर पर दी जा सकेगी. कामगारों के काम की प्रवृत्ति एक तरह की होगी. विशेष परिस्थतियों के आधार पर ही कामगारों को एक से अधिक प्रवृत्ति के काम करने की अनुमति दी जाएगी. अगर कोई कामगार दो तरह के काम करना चाहें तो राज्य सरकार से उसकी अनुमति लेनी होगी.