दमिश्क, 30 जनवरी । सीरिया के अल-हसाका शहर में सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) द्वारा नियंत्रित जेल पर हुए हालिया हमले में इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े करीब 200 आतंकवादी फरार हुए थे।
एक अमेरिकी अधिकारी का हवाला देते हुए न्यूयार्क टाइम्स ने रविवार को अपनी खबर में यह बात कही है।
गौरतलब है कि गत 20 जनवरी को आईएस ने कैद आतंकियों को छुड़ाने के लिए कारागार पर हमला किया था। इस दौरान कई आतंकवादी भाग निकले जबकि कुछ ने खुद को बंधकों के साथ अंदर बंद कर लिया था।
बुधवार को एसडीएफ ने बताया कि जेल को वापिस नियंत्रण में ले लिया गया और अंदर बंद करीब 1,000 आतंकियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
अमेरिकी अधिकारी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि हमले का मुख्य उद्देश्य उच्च-स्तरीय व मध्य-स्तरीय आतंकियों के साथ-साथ बम बनाने वाले लड़ाकों को छुड़ाना था। मीडिया के अनुसार एसडीएफ ने भागे हुए आतंकियों की संख्या पर कोई टिप्पणी न करते हुए कहा है कि हमले के प्रभावों को अभी भी आंका जा रहा है।
गुरुवार को सीरियाई सैन्य अभियोजक के कार्यालय ने कहा कि अल-हसाका में हुआ हमला उत्तर-पूर्वी सीरिया में अमेरिकी नियंत्रण को बरकरार रखने के लिए था। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार अमेरिकी नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन ने आईएस आतंकवादियों को जेल पर हमला करने की अनुमति दी ताकि यह दिखाया जा सके कि इस क्षेत्र में आतंकवादी खतरा अभी भी मौजूद है, और देश में अमेरिका की अवैध उपस्थिति को सही ठहराया जा सके।
सीरिया में राष्ट्रपति बशर असद और कई विद्रोही समूहों के बीच सशस्त्र संघर्ष 2011 से चल रहा है। वर्ष 2017 में आईएस को सीरिया और ईराक में हारा हुआ घोषित कर दिया गया था, फिर भी आतंकवाद-विरोधी कार्रवाई लगातार जारी है।
सीरियाई सरकार के विरोध के बावजूद अमेरिका देश में स्थित कुर्द सशस्त्र बलों का समर्थन करता है। अमेरिकी सेना वर्तमान में अल-हसाका, रक्का, अलेप्पो और दीर एज़-ज़ोर प्रांतों के कुछ हिस्सों को नियंत्रित करती है। इन्हीं जगहों पर सबसे बड़े सीरियाई तेल और गैस फील्ड स्थित हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तरी और पूर्वी सीरिया के तथाकथित स्वायत्त प्रशासन को दमिश्क की मान्यता प्राप्त नहीं है। सीरिया के अनुसार उसके क्षेत्र में अमेरिकी सेना की उपस्थिति का उद्देश्य तेल की चोरी करना है।