नई दिल्ली:– जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार को मचैल माता मंदिर के पास कुदरत ने आफत मचाया। यहां बादल फटने से 40 लोगों की जान चली गई, जबकि 50 लोगों को अब तक रेस्क्यू किया गया है। यह हादसा हिमालय स्थित माता चंडी के मंदिर की यात्रा के दौरान चिशोती क्षेत्र में हुआ। घटना की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस मामले में बताया कि चिशोती में हुई घटना काफी ज्यादा जनहानि का कारण बन सकती है, उन्होंने कहा कि प्रशासन तत्काल हरकत में आ गया है और बचाव टीमें मौके पर पहुंच गई हैं।
भयावह वीडियो
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो तथा तस्वीरों में यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाते हुए जवानों को देखा जा सकता है। चिशोती वो स्थान है जहां से मचैल माता यात्रा की शुरुआत होती है।
भारी बारिश का अलर्ट
उधर, श्रीनगर मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा है कि अगले 4-6 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश और गरज/बिजली/तेज हवाओं के साथ हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है। कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपोरा, श्रीनगर, गंदेरबल, बडगाम, पुंछ, राजौरी, रियासी, उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़ के पहाड़ी इलाकों और काजीगुंड-बनिहाल-रामबन अक्ष पर कुछ स्थानों पर थोड़े समय के लिए भारी बारिश हो सकती है।
साथ ही, कुछ संवेदनशील स्थानों और पहाड़ी इलाकों में बादल फटने, अचानक बाढ़/भूस्खलन/भूस्खलन और चट्टान गिरने की संभावना है। लोगों को ढीली संरचनाओं/बिजली के खंभों, तारों और पुराने पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने वुलर झील, डल झील और अन्य जलाशयों में नौका विहार/शिकारा की सवारी और अन्य गतिविधियों को स्थगित करने को भी कहा है।
मचैल माता तीर्थयात्रा के दौरान आपदा
बादल फटने की यह घटना इलाके में चल रही मचैल माता तीर्थयात्रा के दौरान हुई है। चिशोती वह आखिरी जगह है जहां तीर्थयात्री अपने वाहन पार्क करते हैं और 2,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक पैदल यात्रा शुरू करते हैं। ये यात्रा, जिसमें जम्मू संभाग से हजारों लोग भाग लेते हैं, 25 जुलाई को शुरू हुई थी और 5 सितंबर को समाप्त होने वाली थी।