छत्तीसगढ़ :- सभी मतदाता कुछ दिनों बाद अपना देश का विकास और देश का भविष्य चुनेंगे। वही छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव के नजदीक बढ़ती मतदान केंद्रों की संख्या ने लोकतंत्र की खामियों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। वर्ष 1998 में जहां केवल 15,110 मतदान केंद्र थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 24 हजार से अधिक हो चुकी है। यह वृद्धि मतदान प्रक्रिया को सुगम और प्रभावी बनाने का संकेत है, जिससे लोकतंत्र के मूल्यों का आदान-प्रदान सुनिश्चित हो सके। इस संबंध में मतदाताओं को सशक्त करने और उन्हें लोकतंत्र में भागीदारी का एक नया आयाम प्रदान किया जा रहा है।
निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक बस्तर से लेकर सरगुजा व शहरी- ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए मतदान केंद्रों में वृद्धि की जा रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान केंद्र रायपुर लोकसभा सीट में बनाया गया है। पहले चरण के चुनाव के लिए बस्तर में कुल 1961 मतदान केंद्र हैं, जिसमें से 191 संगवारी मतदान केंद्र, वहीं 36 युवा तथा 08 दिव्यांग मतदान केंद्र संचालित होंगे।
आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंकों/डाकघरों द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, एनपीआर के तहत आरजीआइ द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र और भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसएबिलिटी आइडी कार्ड शामिल है। मतदाता इनमें से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत कर मतदान कर सकेंगे। प्रवासी निर्वाचकों को जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर निर्वाचक नामावालियों में पंजीकृत है, मतदान केंद्र में केवल उनके मूल पासपोर्ट के आधार पर ही पहचाना जाएगा।
 
		