धारा 80 C अंतर्गत छूट को नज़रंदाज़ करने की नीति से कर्मचारी अपने वेतन से बचत करने की मानसिकता से विमुख होगा - फेडरेशन
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी,संभागीय महामंत्री विरेन्द्रपाण्डेय,जिला अध्यक्ष सर्वेश सोनी,उपाध्यक्ष हरिहर कोशले,महिपाल पटेल,आई टी सेल भवानी गोपाल,विकासखंड कटघोरा कुंजबिहारी,जिला संगठन मंत्री सौरभ जकरिया; एवं जिला महामंत्री यज्ञेश पाण्डेय ने केंद्रीय बजट 2023 पर प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। इनका कहना है कि इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80 C अंतर्गत छूट की महत्ता को दरकिनार करना कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए घातक साबित होगा । कर्मचारी अपने वेतन से बचत करने की मानसिकता से विमुख होगा। निवेश को बढ़ावा नहीं मिलेगा से देश की अर्थव्यवस्था का विकास प्रभावित होगा। इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80 C में 1.5 लाख रुपयों तक इन्वेस्ट की गई राशि पर इनकम में छूट मिलता है। इस लिमिट को बढ़ाने से देश के लाखों कर्मचारी ज़्यादा निवेश करता जोकि देश की विकास में सहायक होता। केंद्रीय बजट 2016 से 2023 तक इसमें वृध्दि नहीं हुआ है।
फेडरेशन का कहना है कि कर्मचारियों से वार्षिक ग्रॉस(सकल) वेतन पर इनकम टैक्स लिया जाता है। जबकि 80 C के कटौतियों के बाद उसे वह वेतन वास्तविक में नहीं मिलता है। इस दिशा में सुधार अपेक्षित था। केंद्रीय बजट 2023 में 7 लाख वार्षिक आय पर टैक्स नहीं लगने का खुलासा फेडरेशन ने किया है।यदि कर्मचारी का वार्षिक आय 7.5 लाख रुपये है। अब सकल वेतन से मानक कमी (Standard Deduction) ₹ 50000 के बाद आय 7 लाख रुपये होगा। बजट 23 के टैक्स स्लैब के अनुसार 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। शेष 4 लाख में 3 लाख पर 5 % दर से ₹ 15000 टैक्स तथा शेष ₹ 100000 पर 10 % दर से ₹ 10000 टैक्स कुल ₹ 25000 टैक्स आयेगा। संभवतः इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 87 A में ₹ 25000 का छूट देकर टैक्स को शून्य किया गया है।उल्लेखनीय है कि इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2021-22 में 5 लाख रुपये तक के वार्षिक आय पर ₹ 12500 का छूट धारा 87 (A) में प्रावधानित कर टैक्स को शून्य किया गया था।फेडरेशन का कहना है कि यदि ₹1 का वृध्दि हुआ तो कर्मचारी को 4 % अधिभार सहित ₹ 26000 टैक्स भुगतान करना होगा।

फेडरेशन ने बताया कि केंद्र में जुलाई 22 के स्थिति में 38 % महँगाई भत्ता है। जोकि माह जनवरी 23 में AICPIN 132.3 (अनुमानित) के आधार पर न्यूनतम 4 % वृध्दि के साथ 42 % संभावित है। जुलाई 2023 में यदि 3 % वृध्दि महँगाई भत्ता में होता है तो 7 % के वृध्दि के साथ ₹ 1 का वृद्धि निश्चित है। 18 वीं लोकसभा चुनाव मई 2024 या इससे से पहले संभावित है। जिसके दृष्टिगत महँगाई भत्ता में जनवरी 2024 से पुनः 4 % वृध्दि हो सकता है।फेडरेशन के कहना है कि महँगाई भत्ता में वृद्धि के साथ टैक्स में वृद्धि होगा। बजट 2023 में प्रस्तावित नये स्लैब में टैक्स निर्धारण में कमी परिलक्षित हो रहा है।लेकिन सुपर रिच क्लास को सर्वाधिक लाभ मिला है। जितना अधिक आमदनी, उतना अधिक टैक्स बचत होता दिख रहा है।