पणजी
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने गोवा में मादक पदार्थो का कारोबार धड़ल्ले से चलने और पिछले सात दिनों में ड्रग बनाने वाली कई प्रयोगशालाओं का भंडाफोड़ किया है। विपक्ष ने सवाल उठाया है कि क्या स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी नहीं थी या राज्य सरकार इसके खिलाफ कार्रवाई करने की इच्छा ही नहीं रखती
एनसीबी ने पिछले रविवार को उत्तरी गोवा से चल रहे एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया था, जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था और लाखों रुपये मूल्य के कई ड्रग्स जब्त किए गए थे। बाद में मंगलवार को इसने उत्तरी गोवा के अंजुना में एक एलएसडी निर्माण प्रयोगशाला का भंडाफोड़ किया और निर्माता को 25 लाख रुपये मूल्य की कई दवाओं को जब्त करने के साथ गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को ठउइ के अधिकारियों ने गोवा के डाबोलिम हवाई अड्डे पर 6 करोड़ रुपये मूल्य के 1 किलोग्राम कोकीन के साथ एक केन्याई नागरिक को गिरफ्तार किया।
हालांकि आम तौर पर यह माना जाता है कि ड्रग्स छह दशक पहले हिप्पी के साथ गोवा में आया था, लेकिन अब विदेशी नागरिकों के साथ स्थानीय लोगों की संलिप्तता ने इस अवैध व्यापार को बढ़ावा दिया है। गोवा को तेजी से नार्को-टूरिज्म हॉटस्पॉट के रूप में जाना जाता है और कई लोग ‘व्यापार’ और ‘उपभोग’ के इरादे से तटीय राज्य में आते हैं। 2020 में गोवा में भाजपा सरकार औषधीय प्रयोजनों के लिए मारिजुआना या भांग की खेती को वैध बनाने पर विचार कर रही थी। हालांकि, विरोध का सामना करने के बाद योजना को डंडे बस्ते में डाल दिया गया था। पिछले चार वर्षो में गोवा पुलिस की ड्रग डिस्पोजल कमेटी ने अदालत द्वारा मामलों के अंतिम निपटारे के बाद 101.993 किलोग्राम नशीले पदार्थो का निपटान किया है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, नष्ट किए गए मादक पदार्थो में चरस, गांजा, एलएसडी, कोकीन, एक्स्टसी टैबलेट, एमडीएमए पाउडर, हेरोइन, ब्राउन शुगर और अफीम शामिल हैं