हिंदू धर्म में हर त्यौहार व पर्वों को धूमधाम से मनाया जाताहै। वहीँ हर महीने की पूर्णिमा और अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। ये तिथियां पूजा-पाठ और जप-तप के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। इस समय ज्येष्ठ माह चल रहा है और ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा कहा जाता है। इस तिथि को जेठ पूर्णिमा या जेठ पूर्णमासी भी कहा जाता है।
:ये दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके व्रत एवं दान-पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन व्रत रखने से घर में सुख समृद्धि आती है। इस बार की ज्येष्ठ पूर्णिमा बेहद खास मानी जा रही है। ऐसे में यदि इस कुछ आसान उपाय कर लिए जाएं तो मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। चलिए जानते हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा पर बन रहे संयोग और उपाय के बारे में…
:इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 3 जून, शनिवार को सुबह 11 बजकर 16 मिनट से हो रही है। ये तिथि अगले दिन 4 जून रविवार को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में 3 जून से ज्येष्ठ पूर्णिमा लग रही है और 4 जून को सुबह खत्म हो रही है, इसलिए 3 जून को पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा और अगले दिन 4 जून रविवार को स्नान- दान किया जाएगा।ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन बन रहे कई योगसिद्धि योग- 4 जून को 11 बजकर 59 मिनट तकअभिजीत मुहूर्त- 12 बजकर 10 मिनट से 1 बजकर 03 मिनट तकअमृतकाल- 7 बजकर 12 मिनट से 8 बजकर 41 मिनट तकस्नान और दान:ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान और दान करना बेहद शुभ होता है।
इस दिन स्नान-दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी की पूजाज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उनका हल्दी से तिलक करें। फिर अगले दिन इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर धन की तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी।