सावन 4 जुलाई से शुरू हो रहा है और हिंदू धर्म में इसे महादेव के पूजन का मौसम बताया गया है। इस दौरान पड़ने वाले हर सावन के दिन लोग व्रत रखते हैं और महादेव की पूजा करके 1 समय फलाहार करते हैं। इसके अलावा इस पूरे मौसम लोग सात्विक भोजन करते हैं और उन चीजों का सेवन करते हैं जोकि आसानी से पेट द्वारा पचा लिया जाए। लेकिन, कभी आपने सोचा है कि पुराने समय में सावन में फास्टिंग की परंपरा क्यों बनाई गई होगी। दरअसल, आयुर्वेद में भी इसके बारे में बताया गया है। आइए, जानते हैं।
सावन के इस बरसाती महीने में फास्टिंग क्यों है जरूरी
सावन के इस बरसाती महीने में फास्टिंग के पीछे आयुर्वेद का एक तर्क है। दरअसल, इस मौसम में बारिश की वजह से साग-सब्जियों की कमी हो जाती है। इसके अलावा पत्ते और हरी सब्जियों में कई प्रकार के कीड़े लगे रहते हैं। इन्हें खाना पेट से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके अलावा गाय जो घास चरती है उनमें भी टॉक्सिन हो सकते हैं। ऐसे में इनका दूध भी दूषित हो सकता है। इस प्रकार से दूध से बनी चीजों का सेवन भी आपका पेट खराब कर सकता है।
बारिश के इस मौसम में हाजमा कमजोर रहता है
सावन, मानसून सीजन में आता है और इस मौसम में उमस के साथ गर्मी ज्यादा रहती है। ये उमस आपके पाचन तंत्र को सुस्त बना देती है और गट हेल्थ को बिगाड़ देती है। इससे आपको पेट और आंतों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। जैसे कि पहले तो बदहजमी, गैस, एसिडिटी, सूजन और पेट भरा होने का लगातार एहसास जैसी समस्याएं।
सावन 2023 सोमवार व्रत करने के फायदे
दरअसल, सोमवार के बहाने हफ्ते में 1 दिन व्रत करना आपको सेहत से जुड़ी कई समस्याओं से बचा सकता है। ये पहले तो आपके खराब हाजमे को आराम देता है। दूसरा, ये आपको पेट की समस्याओं से बचाने में मदद करता है। तीसरा, इससे ब्लोटिंग, गैस और एसिडिटी की समस्या से निजात मिलती है और चौथा इस व्रत को करने से शरीर में जमा फैटा का एनर्जी के रूप में इस्तेमाल होता है। इस प्रकार से सावन में सोमवार व्रत के कई फायदे हैं। ये आपको पूरी तरह ये डिटॉक्स होने का मौका देता है।