भोपाल:- चुनाव से पहले रणनीति बनाने में माहिर गृह मंत्री अमित शाह एमपी में क्यों एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने अपने साथ-साथ अपनी पूरी टीम को एमपी में लगा दिया है। उनके लोगों काम संभाल लिया है। इसका असर अब दिख रहा है। आइए आपको बातते हैं कि एमपी में बीजेपी की पांच बड़ी चुनौतियां, जिससे निपटने की तैयारी में पार्टी जुट गई है।
उपचुनाव और निकाय चुनाव में इनकी नाराजगी की खामियाजा पार्टी भुगत चुकी है। साथ ही पार्टी के बड़े नेता यह लगातार इशारा कर रहे हैं कि हम चुनाव हारेंगे तो अपने लोगों से हारेंगे। ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी टीम के कुछ लोगों को उन नाराज नेताओं को मनाने में लगा दिया है। कुछ नाराज नेता मान भी गए हैं। वहीं, कुछ को मनाने उनके दरवाजे पर बड़े नेता जा रहे हैं।
सर्वे रिपोर्ट में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर हैं। कुछ क्षेत्रों में थी कांग्रेस को अच्छी-खासी बढ़त थी। साथ ही बीजेपी अपनी सर्वे रिपोर्ट में भी अच्छे संकेत नहीं मिले हैं। इसके साथ ही उन इलाकों में पार्टी ज्यादा फोकस कर रही है।
एमपी में बीजेपी को जिताऊ उम्मीदवारों की खोज है। ऐसे में कुछ पुराने विधायकों के टिकट कटने की संभावना है। टिकट कटने के बाद ये विधायक बागी रुख अख्तियार कर सकते हैं। ऐसे में पार्टी ऐसी परिस्थिति से भी निपटने की तैयारी कर रही है। टिकट कटने से पहले वैसे लोगों को मना लिया जाए। ग्वालियर-चंबल इलाके में नए और पुराने नेताओं की वजह से यह स्थिति ज्यादा है। अगर बगावत बढ़ी तो पार्टी की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
इंदौर की रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि हम आपकी वजह से चुनाव जीतते है। बूथ लेवल पर संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी चुनाव से पहले ही कमर कस ली है। विधानसभा सम्मलेन के जरिए पार्टी के नेता कार्यकर्ताओं से जाकर मिल रहे हैं। इससे पहले पार्टी ने संगठन से लोगों को जोड़ने के लिए मेरा बूथ अभियान भी चलाया था।
