नई दिल्ली। पर्यावरण का बिगड़ता संतुलन दुनियाभर के लिए समस्या बन गया है, ऐसे में धीरे-धीरे बढ़ रहा तापमान कहर बनकर टूट रहा है. आंकड़ों में बात करें तो बीते अगस्त के महीने में पृथ्वी की सतह के तेरह प्रतिशत हिस्से में अगस्त में रिकॉर्ड उच्च तापमान दर्ज किया गया, जबकि शेष दुनिया ने 1951-1980 के औसत की तुलना में काफी अधिक तापमान का सामना किया.
बीता अगस्त का महीना 1850 में रिकॉर्ड रखे जाने के बाद से सबसे गर्म था, जिसमें ‘विशेष रूप से गर्म स्थिति’ भारत, जापान, उत्तरी अटलांटिक, पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत, उत्तरी दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, अफ्रीका के कुछ हिस्से और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में थी.अमेरिकी सरकारी एजेंसी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) ने गुरुवार को कहा कि 2023 में 174 साल के जलवायु रिकॉर्ड में पृथ्वी का सबसे गर्म अगस्त का महीना देखा गया.
