जयपुर:- बड़ी खबर यह है कि राजस्थान विश्वविद्यालय के 80 शिक्षक भी इस बार विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने जा रहे हैं। शिक्षकों ने पिछले दिनों कुलपति को पत्र लिखकर चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी। मंगलवार 17 अक्टूबर को सिंडिकेट की बैठक में 80 शिक्षकों को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी गई।
हर कोई यह जानकर हैरान था कि राजस्थान विश्वविद्यालय में पहली बार ऐसा क्या हो गया जो एक साथ 80 शिक्षक चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। हालांकि शिक्षकों ने साफ साफ बता भी दिया था कि विश्वविद्यालय के एक्ट के मुताबिक उनकी ड्यूटी चुनाव में नहीं लगाई जा सकती जबकि जिला प्रशासन ने जबरन चुनाव ड्यूटी लगा दी। इसी के विरोध में शिक्षकों ने चुनाव ड्यूटी नहीं करने की एक गली निकाली। शिक्षकों कुलपति को पत्र लिखकर चुनाव लड़ने की अनुमति मांग ली।
जिला प्रशासन और शिक्षक अपनी अपनी बात पर अड़े रहे
जिला प्रशासन द्वारा राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगाने के बाद शिक्षकों ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव में लगाई जा सकती है लेकिन विश्वविद्यालय एक्ट के अनुसार विश्वविद्यालय के शिक्षकों को ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती। जिला प्रशासन ने शिक्षकों के इस दावे को खारिज कर दिया तो शिक्षक भी अपनी बात पर अड़ गए। एक्ट के मुताबिक विश्वविद्यालय के शिक्षकों को नौकरी से इस्तीफा दिए बिना ही चुनाव लड़ने की अनुमति है। वे कुलपति से अनुमति लेकर चुनाव लड़ सकते हैं। इस एक्ट ने शिक्षकों ने चुनाव में ड्यूटी नहीं करने का मौका दे दिया।
