मध्य प्रदेश। की राजनीति में कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ को हनुमान भक्त के रूप में जाना जाता है. साथ ही कांग्रेस में वे सॉफ्ट हिंदुत्व के चेहरे रहे हैं. प्रदेश में हनुमान मंदिर, संतों के दर्शन और पूजा पाठ, प्रियंका गांधी से नर्मदा पूजा आदि कराकर बीजेपी को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए जाने जाते रहे हैं. पर इस बार के चुनावों में तो उन्होंने सॉफ्ट हिंदुत्व की सीमा रेखा ही पार कर ली.हाल के दिनों में कमलनाथ की राजनीति कट्टर हिंदुत्व की ओर बढ़ रही है.
दरअसल कमलनाथ को पता है कि प्रदेश की राजनीति में मुसलमान कांग्रेस को छोड़कर कहां जाएंगे. वो जानते हैं कि वो चाहे कितना भी हिंदुत्व की पैरवी कर लें मुस्लिम वोट उनसे छिटकने वाले नहीं हैं. यही कारण है कि कमलनाथ राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान छोड़कर हिंदुत्व की पिच पर जमकर बैटिग कर रहे हैं.कई बार तो ऐसा लगता है कि उनके हिंदुत्व के आगे बीजेपी भी फीकी नजर आ रही है.खास तौर पर दशहरे पर कमलनाथ ने जो हिंदुओं के लिए वादे किए हैं उससे तो यही लगता है कि उनकी सरकार केवल हिंदुओं की सरकार होगी. आइये देखते है किस तरह वो कट्टर होते जा रहे हैं? और बीजेपी उनके मुकाबले के लिए क्या कर रही है?
