भोपाल: मध्यप्रदेश समेत चार राज्यों के चुनावी नतीजे साफ़ हो चुके है। एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को करारा झटका लगा है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जहां उनकी सरकार थी तो वही एमपी वह इस बार शिवराज की सरकार को हटाने का दम्भ भर रहे थे लेकिन ऐसा हो न सका। उलटे पिछली बार के मुकाबले शिवराज सिंह की अगुवाई में भाजपा ने 50 से ज्यादा सीटें जीतकर सत्ता में वापिस की।
नतीजों के बाद पार्टी अब अपनी हार की समीक्षा में जुटी हुई है, वजहें तलाशी जा रही है कि आखिर किन वजहों से जनता ने उन्हें विपक्ष में रहते हुए भी नकार दिया? आखिर सरकार विरोधी लहर के बावजूद हर बार के मुकाबले उनका नुकसान दोगुना किए हो गया? आइये एक नजर डालते है कांग्रेस के पिछड़ने की बड़ी वजहों पर
कांग्रेस के हार की वजहें
1.कांग्रेस की गुटबाजी – हर बार की तरह इस बार भी अंदरुनी गुटबाजी कांग्रेस की हार की वजह बनी,ये गुटबाजी सबसे ज्यादा टिकिट वितरण के वक्त नजर आई जब कई दिनो तक इस पर दिल्ली में मंथन होता रहा,हालात ये बने कि कुछ जूनियर नेताओं को भी वर्चुअली जोड़कर उनकी राय मांगी गई जो बड़े नेताओं को पसंद नहीं आया। इसके बाद टिकिट वितरण हुआ था भी तो कुछ टिकिट बिकने के भी आरोप लगे। गुटबाजी के कारण पार्टी के प्रचार पर भी असर पड़ा। प्रचार में भी बड़े नेता सिर्फ अपने समर्थकों के प्रचार में ही पहुंचे,कुछ जगह से भितरघात की भी खबरें है।
2.नेताओं की छवि – इन चुनावों में कमलनाथ सरकार के 10 मंत्री चुनाव हार गए। इनमें से कई का शुमार दिग्गज नेता के तौर पर होता है। अपने 15 महीने के दौरान कई नेताओं का क्षेत्र की जनता प्रति व्यवहार इस बार नाराजगी के वोट के तौर पर सामने आया। इनमें से कई नेता अपनी जीत को लेकर इतने अति आत्मविश्वास में आ गए कि खुद के क्षेत्र में ज्यादा समय देने के बजाय दूसरे उम्मीदवारों के यहां प्रचार करने लगे नतीजा ये रहा कि उन्हें पता ही नहीं चला कि उनके क्षेत्र में उनकी जमीन खिसक चुकी है ।