नई दिल्ली:- इन्फ़ोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने कुछ दिन पहले यह बयान दिया था कि युवाओं को हफ़्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए ताकि भारत में ‘उत्पादकता बढ़े’ और देश ‘प्रतिस्पर्धा के मामले में आगे जाए.
अब उन्होंने कहा है कि 1981 में इन्फ़ोसिस की स्थापना के बाद से ही वह इतने ही घंटे काम करते आ रहे हैं.
इंटरव्यू में उन्होंने कहा,मैं 6.20 पर दफ़्तर पहुंचता था और साढ़े आठ बजे निकलता था. हफ़्ते में छह दिन काम करता था.मैं जानता हूं कि जो भी देश समृद्ध हुए हैं, उन्होंने कड़ी मेहनत करके यह मुक़ाम हासिल किया है.
उन्होंने कहा,मुझे मेरे माता-पिता ने बहुत जल्ही ही सिखा दिया था कि ग़रीबी से बाहर निकलने का एक ही रास्ता है- बहुत ही ज़्यादा कड़ी मेहनत करना.
उन्होंने कहा,अपने 40 साल से ज़्यादा की प्रोफ़ेशनल ज़िंदगी में मैंने 70 घंटे काम किया है. 1994 तक, जब हफ़्ते में छह दिन काम करना होता था, मैं हफ़्ते में कम से कम 85 से 90 घंटे काम करता था. ऐसा करना बर्बाद नहीं गया है.पिछले दिनों मूर्ति ने कहा था कि भारत की प्रॉडक्टिविटी दुनिया में सबसे कम है.
