अगर आप घर खरीदने जा रहे हैं, या फिर भविष्य में खरीदने की प्लानिंग रखते हैं तो रियल्टी सेक्टर का एक सिंपल सा रूल आपको जरूर पता होना चाहिए. आप घर खरीदने के लिए 20,000 से ज्यादा कैश का ट्रांजैक्शन नहीं कर सकते. अगर आपने प्रॉपर्टी की खरीद में 20,000 से ज्यादा की लिमिट में कैश खर्च किया तो आपको इनकम टैक्स विभाग सीधा नोटिस भेज सकता है.
काले धन पर रोक लगाने के लिए अचल संपत्तियों की डीलिंग में कैश के इस्तेमाल पर इनकम टैक्स का अलग नियम है. प्रॉपर्टी की खरीद में अगर कैश का इस्तेमाल किया जाए, तो इसकी ट्रेसिंग नहीं हो पाती है कि वो कैश वैध तरीके से कमाया गया था या अवैध. इसे लेकर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269SS लागू है, इसे 2015 में लागू किया गया था. Supreme Court ने बताया- प्राइवेट और सरकारी जमीन पर जिसका इतने साल से कब्जा, उसे ही माना जाएगा मालिककेंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के नियमों के मुताबिक, रियल एस्टेट में कोई भी ट्रांजैक्शन चाहे खेती की जमीन के लिए ही क्यों न हो, अगर 20,000 या इससे ऊपर है तो इसे अकाउंट पेई चेक, RTGS (real time gross settlement) या इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर के जरिए ही करना होगा.
अगर कैश ट्रांजैक्शन इससे ऊपर होता है, तो आईटी एक्ट की धारा 271D के तहत प्रॉपर्टी बेचकर कैश लेने वाले को उस अमाउंट का 100 फीसदी जुर्माने में देना होगा.2 हजार के नोट के बाद RBI ने 100 रुपये के नोट को लेकर दिया बड़ा अपडेटइतना ही नहीं, आईटी एक्ट की धारा 269T के मुताबिक, अगर प्रॉपर्टी का ट्रांजैक्शन कैंसल हो गया तो इसका अमाउंट वापस करते हुए भी जो ट्रांजैक्शन होगा वो 20,000 रुपये से ज्यादा होने की स्थिति में चेक के जरिए ही करना होगा. अगर यहां रीपेमेंट भी कैश से हुआ तो आपको यहां भी अमाउंट पर 100 फीसदी पेनाल्टी लगेगी.याद रखने के लिए दो बातें-ऐसे किसान जिनकी कोई और आय पर टैक्स चार्ज नहीं लगता है, वो अपनी जमीन बेच रहे हैं तो इस धारा के अंतर्गत नहीं आते. दूसरी बात, अगर किसी 30 लाख या इससे ज्यादा की अचल संपत्ति के लिए कोई ट्रांजैक्शन हो रहा है तो आपको ये इनकम टैक्स अथॉरिटीज़ को रिपोर्ट करना होगा.
