नई दिल्ली:- सांप दुनिया के सबसे जहरीले जानवरों में से एक हैं. किंग कोबरा या करैत जैसे कई सांप तो ऐसे हैं, जिनके काटने से चंद मिनट में जान जा सकती है. पर क्या आपको पता है कि दुनिया के कई हिस्से में सांप का खून पीते तक हैं और नशे के लिए सांप से डंसवाते भी हैं. तमाम दवाओं में भी सांप का विष इस्तेमाल किया जाता है.
क्यों पीते हैं सांप का खून
दुनिया के कई देशों में लोग सांप का खून पीते हैं. चीन, वियतनाम, हॉन्गकॉन्ग, इंडोनेशिया जैसे जैसे कई देशों में स्नेक वाइन खासी मशहूर है. चीनी लोगों का ऐसा मानना है कि सांप के ब्लड में ऐसी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो यौन शक्ति को बढ़ाती हैं. साथ ही स्किन के लिए भी अच्छी होती है और जवान रखती है. सांप से त्वचा रोग के इलाज का इतिहास तो सदियों पुराना है. इसका पहला जिक्र 100 ईसा पूर्व में मिलता है.
इंडोनेशिया में स्किन की गंभीर बीमारियों के इलाज में सांप की त्वचा का लेप की तरह इस्तेमाल किया जाता था. वहां तो सेना की डाइट में सांप का खून शामिल है. बाकायदा सांप का खून और मांस सैनिकों को परोसा जाता है.
ट्राइबल्स में क्या मान्यता
दुनिया की कई जनजातियों के बीच दशकों से सांप का खून पीने की परंपरा है. लैटिन अमेरिका और दुनिया कुछ और हिस्से में रहने वाले ट्राईबल्स सांप के खून को बहादुरी से जोड़कर देखते हैं. ऐसा मानते हैं कि जो ज्यादा खून पिएगा वह अधिक बहादुर और ताकतवर होता है.
न्यू साइंटिस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक सांप के ब्लड में फैटी एसिड्स जैसी कई चीजें होती हैं, जो हृदय के लिए अच्छी मानी जाती हैं. वैज्ञानिकों ने सांप के ब्लड प्लाजमा को चूहे में ट्रांसफर किया तो उनका हृदय पहले के मुकाबले बढ़िया और अच्छे तरीके से काम करता पाया गया. हालांकि प्लाजमा ट्रांसफर वाला तरीका इंसानों पर भी कारगर है, कहा नहीं जा सकता.
सांप का खून पीते हैं तो मरते क्यों नहीं?
सांप का खून पीने से मौत नहीं होती. वजह- सांप के खून में जहर होता ही नहीं है. सांप अपने शरीर के अंदर एक विशेष हिस्से में अपना जहर जमा करते हैं, जिसे ग्रंथि कहा जाता है. यह ग्रंथि उसके खून को जहर से अलग रखती है. इसीलिए जब सांप किसी को काटता है तो उसकी ग्रंथि उसके दांतों के माध्यम से जहर को बाहर निकाल देती है और काटने वाले के खून में जहर पहुंच जाता है.
नशे में किस तरह इस्तेमाल?
रेव पार्टियों में धड़ल्ले से सांप के जहर का इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है. हाल के दिनों में भारत में भी यह चलन बढ़ा है. कुछ वक्त पहले नोएडा में भी इस तरह की एक रेव पार्टी का भंडाफोड़ हुआ. वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कोबरा अथवा किसी अन्य जहरीले सांप के जरिए नशा लेने वाले अपने होंठ हाथ या शरीर के किसी अन्य हिस्से पर बहुत हल्का स्पर्श करते हैं.
आसान भाषा में कहें तो सांप खुद काटने में जितना जहर छोड़ता है, रेव पार्टी में नशे के दौरान उसका 1000वां हिस्सा या इससे कहीं कम नशे के तौर पर लिया जाता है. हालांकि ऐसा बहुत अनुभवी और एक्सपर्ट ही कर पाते हैं. कई बार तो रेव पार्टी में जान भी चली जाती है.
दवा में इस्तेमाल
सांप का जहर कई तरह की दवाओं में भी इस्तेमाल होता है. खासकर हार्ट अटैक, कैंसर और ब्लड डिसऑर्डर जैसी बीमारियों की दवा में बहुत संतुलित और सधी मात्रा में स्नेक वेनम यूज होते हैं. Science Facts के पहली बार हाई ब्लड प्रेशर के उपचार में सांप के जहर का इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद तमाम दवाओं में इसका इस्तेमाल किया जाने लगा.
डॉक्टर्स बताते हैं कि सांप का विष, ब्लड थिनर के तौर पर मददगार है, इसीलिए हार्ट अटैक से जुड़ी ऐसी दवाएं जो ब्लड को पतला करती हैं, उनमें बहुत संतुलित मात्रा में जहर होता है.
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