नई दिल्ली:- छोटे बच्चों का शरीर जिस प्रकार के डेवलप हो रहा होता है, उसी प्रकार उनके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी विकसित हो रही होती है। बचपन में उनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह से डेवलप नहीं हुआ होता है और इसलिए वे अक्सर जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। यही कारण है कि ज्यादा गर्मी, सर्दी और बदलते मौसम में बच्चों को बचाकर रखा जाता है। बच्चों की कमजोर इम्यूनिटी होने के कारण उन्हें कोई न कोई इन्फेक्शन हो जाता है और उसका तब पता चलता है जब बच्चे को बुखार हो जाता है। इन्फेक्शन के दौरान बच्चे को बुखार हो जाता है, तो उसे डॉक्टर दवाएं दे देते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पेरासिटामोल ही दी जाती है, लेकिन इसकी डोज अलग-अलग होती है। यह भी देखा गया है कि कई बार बार-बार इन्फेक्शन होने के कारण बच्चों को बुखार होने लगता है और पेरेंट्स बुखार वाली दवाएं उन्हें देते रहते हैं। बहुत से पेरेंट्स अक्सर एक गलती कर देते हैं और वह गलती है पेरासिटामोल को सेफ समझना।
पेरासिटामोल कितनी सेफ
यह बात सच है कि पेरासिटामोल बच्चों से बुजुर्गों तक इसलिए दी जाती है, क्योंकि यह सेफ होती है। हल्के व मध्यम बुखार को उतारने में पेरासिटामोल काफी प्रभावी रूप से काम करती है। लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता है कि पेरासिटामोल सिर्फ तब तक ही सेफ मानी जाती है, जब तक उसका सही डोज में इस्तेमाल किया जाए। यदि पेरासिटामोल दवा की खुराक ज्यादा है, तो यह आपके लिवर के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक दवाओं में से एक हो सकती है।
पेरेंट्स के द्वारा की जाने वाली गलती
छोटे बच्चों को अक्सर बार-बार बुखार होने की शिकायत रहती है, जिसके कंट्रोल रखने के लिए डॉक्टर बच्चों के लिए पेरासिटामोल दवा देते हैं और साथ ही उसकी खुराक व इस्तेमाल के सही समय को भी बताते हैं। लेकिन कई बार पेरेंट्स बुखार को जल्दी कंट्रोल करने के लिए खुराक ज्यादा दे देते हैं। यहां तक कि कई बार किसी दूसरे बच्चे के लिए लाई गई दवा का इस्तेमाल भी कर लिया जाता है, जिसकी खुराक कई बार ज्यादा होती है और उसके साइड इफेक्ट होना शुरू हो जाते हैं।
सीधे लिवर पर अटैक
बच्चों को लिए पेरासिटामोल की एक सही डोज होना जरूरी है और ज्यादा डोज उनके सीधे लिवर को नुकसान पहुंचाती है। दरअसल, पेरासिटामोल के केमिकल की ज्यादा मात्रा लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लग जाते हैं, जिसे लिवर क्षतिग्रस्त होने लगता है। पेरासिटामोल ओवरडोज एक बहुत गंभीर स्थिति है, जिसका जितना जल्द हो सके डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।
पेरासिटामोल ओवरडोज के लक्षण
यदि किसी बच्चे को पेरासिटामोल देने के बाद निम्न लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए –
पेट में दर्द
चिड़चिड़ापन
कमजोरी
भूख न लगना
दस्त लगना
उल्टी लगना
थूक या उल्टी के साथ खून आना
सिर्फ पेरासिटामोल ही नहीं आपके डॉक्टर जो भी दवाएं बच्चे के लिए दें, उन्हें कितनी मात्रा में और किस-किस समय देना है वह अच्छे से पूछ लें। साथ ही यदि आपको लगता है कि दवाएं लेने के बाद बच्चे के स्वास्थ्य में किसी भी प्रकार के बदलाव हो रहे हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।
