नई दिल्ली : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर जातक की कुंडली नवग्रह और नक्षत्रों की स्थिति पर आधारित होती है। इसलिए इसका असर जीवन पर अधिक पड़ता है। इन्हीं नौ ग्रहों में से सबसे क्रूर शनि को माना जाता है। कर्मफल दाता और न्यायकर्ता शनि ग्रह सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। वह एक राशि में करीब ढाई साल तक रहता है। ऐसे में हर एक जातक को कभी न कभी शनि के कहर का सामना करना ही पड़ता है। ऐसे में शनि की साढ़े साती और ढैय्या से लेकर शनि दोष लगता है। जिसके कारण आर्थिक, मानसिक, शारीरिक, पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि के प्रकोप से बचने के लिए विभिन्न तरह के उपायों को अपनाते हैं। ऐसे ही शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न तरह के उपायों को अपनाते हैं। ऐसे में आप चाहे, तो शमी के पेड़ संबंधी इस उपाय को अपना सकते हैं। इससे शनिदेव के साथ भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
शिव पुराण के अनुसार, शमी पत्र भगवान शिव को अति प्रसन्न है। इसलिए शिवलिंग में जल चढ़ाने के साथ बेलपत्र और शमी चढ़ाते हैं। बता दें कि शमी का पेड़ भगवान शिव के साथ-साथ शनिदेव से संबंधित है। इसलिए कहा जाता है कि घर में सुख-शांति, समृद्धि लाने के लिए शमी का पेड़ अवश्य लगाएं। इसके अलावा घर से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है। शिव पुराण में शमी के पेड़ संबंधी कई उपायों के बारे में बताया है। जानें ऐसे ही एक उपाय के बारे में, जिससे आप हर तरह के रोग, भय और दोष से छुटकारा पा सकते हैं।
शमी के पेड़ में चढ़ाएं दूध
आमतौर पर कहा जाता है कि शमी के पेड़ में जल चढ़ाने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं शिव पुराण के अनुसार, शमी के पेड़ में जल चढ़ाने से पहले उसमें थोड़ा सा दूध मिला लें। इसके बाद अवधूतेश्वर महादेव का नाम लेते हुए धीरे-धीरे चढ़ा दें। ऐसा करने से व्यक्ति को हर तरह के रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
कौन है अवधूतेश्वर महादेव?
बता दें कि भगवान शिव के एक उग्र स्वरूप का नाम अवधूतेश्वर महादेव है। महादेव ने देवगुरु बृहस्पति और इंद्र देव की परीक्षा लेने के लिए इस स्वरूप में प्रकट हुए थे।
शमी संबंधी करें ये उपाय
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रोजाना शमी के पेड़ की पूजा करने के साथ शनिवार या फिर सोमवार के दिन शमी की टहनी में लाल रंग का कलावा बांध दें। ऐसा करने से शनि अति प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही शनि के साथ-साथ राहु दोष से भी मुक्ति मिल जाती है।