*सत्येन्द्र कुमार साहू, जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के सतत् मागदर्शन एवं निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा विद्यालय, महाविद्यालयों में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में संस्कार भारती विद्यालय कोरबा में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। विक्रम प्रताप चन्द्रा, विशेष न्यायाधीश,पाॅक्सो एक्ट द्वारा अपने उद्बोधन में छात्रों को सरल शब्दों में बताया गया कि हम विद्यालय एक निश्चित समय पर आते है, विद्यालय में कोई विद्यार्थी अलग-अलग समय पर आयेगा तो बाद में आने वाले विद्यार्थी की पढ़ाई नहीं हो पायेगा।
विद्यालय के सफल संचालन हेतु अनुशासन का होना आवश्यक है,जो व्यक्ति अनुशासन में नहीं रहता है उसे शिक्षक द्वारा दण्ड दिया जाता है। इसी तरह कोई भी व्यक्ति कानून के नियमों का पालन नहीं करते है,वह अपराध की श्रेणी में आता है। सरल शब्दों में इसे ही अपराध कहा जाता है। बालको के लैंगिंग अपराधों के संरक्षण अधिनियम 2012 से संबंधित जानकारी देते हुये कहा गया कि जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है वे बालकों की श्रेणी में आते है। पीड़ित बालको के प्रकरण विशेष न्यायालय में सुना जाता है।
9 मार्च 2024 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन-के संबंध में जानकारी देते हुये कहा गया कि जिला एवं तहसील स्तर पर हाइब्रीड नेशनल लोक अदालत का आयोजन जा रहा है, जिसमें राजीनामा योग्य प्रकरणों का आपसी सहमति से नेशनल लोक अदालत में राजीनामा हो सकते है। छोटे शमनीय मामले,सिविल,चेक बाउन्स,मोटर दुघर्टना दावा प्रकरण,परिवार न्यायालय, श्रम न्यायालय एवं राजस्व न्यायालय एवं राजीनामा योग्य अन्य प्रकरण शामिल है। उक्त शिविर में पैरालीगल वाॅलिंटियरर्स द्वारा नेशनल लोक अदालत एवं अन्य विधिक जागरूकता संबंधी पाम्पलेट का वितरण किया गया।
मोटर दुर्घटना दावा अधिनियम की जानकारी:- कृष्ण कुमार सूर्यवंश, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा विधिक जानकारी देते हुये कहा गया कि बिना लायसेंस, वाहन के बीमा,वाहन का आर.सी. बुक के साथ ही वाहन का संचालन किया जावें। ये तीनांे यदि किसी व्यक्ति के पास नहीं है तो होने वाले दुर्घटना में उनकों स्वयं ही अगले पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा देना पड़ता है। गंभीर चोट या मृत्यु होने पर और भी अधिक क्षतिपूर्ति देना वाहन मालिक का जवाबदेह हो जाता है। बच्चों को मोबाईल का सीमित उपयोग किये जाने का सलाह देते हुये कहा कि स्मार्ट मोबाईल का सद्पयोग किया जावें। बिना पढ़े कोई भी मैसेज फारवर्ड न करें,गलत मैसेज फारवर्ड करने पर साइबर कानून के तहत् अपराधिक मामला पंजीबद्ध किया जा सकता है।
