टाटा मोटर्स के बंटवारे से आपको कैसे होगा फायदा? अंबानी के उदाहरण से समझ आएगा सबकुछतेजी से ग्रोथ कर रही टाटा ग्रुप की ऑटोमोबाइल कंपनी Tata Motors अब दो हिस्सों में बंटने जा रही है. इसमें एक कंपनी सिर्फ कमर्शियल व्हीकल का कारोबार देखेगी, जबकि दूसरी कंपनी पैसेंजर व्हीकल का कारोबार देखेगी. ऐसे में एक निवेशक के तौर पर आपको क्या फायदा होने वाला है? चलिए समझते हैं…Explainer: टाटा मोटर्स के बंटवारे से आपको कैसे होगा फायदा? अंबानी के उदाहरण से समझ आएगा सबकुछटाटा मोटर्स के बंटवारे से कैसे होगा फायदा?
कारों की सेल के मामले में हुंडई को लगातार परास्त करने वाली Tata Motors जल्द ही कई सेगमेंट में देश की सबसे बड़ी कंपनी Maruti Suzuki India को भी पीछे कर दे, तो हैरानी की बात नहीं है. जब से टाटा ग्रुप ने अपने कारों के पोर्टफोलियो को बदला है, सेफ कारों पर फोकस बढ़ाया है, तब से टाटा मोटर्स के बारे में यही बात कही जा रही है. यही वजह है कि टाटा मोटर्स के शेयर ने लगातार तेजी दर्ज की है. अब इस कंपनी का बंटवारा होने जा रहा है, तो आपको एक निवेशक के तौर पर क्या फायदा मिलने वाला है?
टाटा मोटर्स के बोर्ड ने ऐलान किया है कि वह अब अपने बिजनेस को अब दो अलग-अलग बिजनेस में बांट देगी. इसमें एक बिजनेस होगा कमर्शियल व्हीकल जिसमें टाटा के बस-ट्रक से लेकर छोटा हाथी यानी टाटा एस तक का बिजनेस आता है. जबकि दूसरा बिजनेस होगा टाटा के पैसेंजर व्हीकल का, जिसमें उसकी पेट्रोल-डीजल कार, इलेक्ट्रिक कार और जगुआर लैंडरोवर डिवीजन भी आती है. अब कंपनी का बंटवारा होगा, तो कंपनी के शेयर होल्डर्स पर भी तो उसका असर पड़ेगा ना, वो क्या होगा..?
भाई-भाई के बंटवारे जैसा होगा टाटा मोटर्स का बंटवाराअगर आपको टाटा मोटर्स के बंटवारे को समझना है, तो ये भारत के हर घर की कहानी है. जब भी किसी परिवार में भाई-भाई का बंटवारा होता है तो आम तौर पर दोनों के बीच बराबर की संपत्ति बांट दी जाती है. अब ये कई तरह से हो सकता है. किसी भाई को मकान मिले या किसी को दुकान मिले या दोनों को आधा मकान-आधी दुकान मिले.
ठीक इसी तरह टाटा मोटर्स के शेयर होल्डर्स के साथ होगा. कंपनी के बोर्ड का कहना है कि बंटवारा होने के बाद टाटा मोर्टस की दोनों कंपनियों में उसके शेयर होल्डर्स के निवेश की वैल्यूएशन समान बनी रहेगी. अब अगर आपके पास टाटा मोटर्स के 100 शेयर हैं, तो संभव है कि बंटवारे के बाद उसके कमर्शियल व्हीकल बिजनेस का वैल्यूएशन कम बने और पैसेंजर व्हीकल का वैल्यूएशन ज्यादा बने
.इसलिए आपके 100 शेयर को इस तरह डिवाइड किया जाएगा कि आपके निवेश की वैल्यू समान रहे. इसमें आपको हो सकता है कि पैसेंजर व्हीकल कंपनी के ज्यादा शेयर मिलें और कमर्शियल व्हीकल कंपनी के कम शेयर मिलें. फिलहाल उम्मीद जताई जा रही है कि बंटवारे के बाद शेयर होल्डर्स को दोनों कंपनियों में 1:1 में शेयर्स का बंटवारा हो सकता है
.किस बिजनेस में मिलेगा ज्यादा फायदा?अब अलग होने के बाद टाटा मोटर्स की किस कंपनी को ज्यादा फायदा होगा? इसे भी एक उदाहरण से समझते हैं. बंटवारे में जब दो भाइयों को बराबर की संपत्ति मिलती है, तो ये जरूरी नहीं कि दोनों भाइयों की तरक्की एक जैसी हो. अब मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के उदाहरण को ही देख लीजिए
वहीं पैसेंजर व्हीकल के मामले में उसके पास जगुआर लैंडरोवर जैसा हाई मार्जिन ब्रांड है और वह ईवी सेगमेंट भी तेजी से बढ़ रही है.कोई बड़ी बात नहीं कि भविष्य में टाटा मोटर्स वैल्यू को अनलॉक करने के लिए पैसेंजर व्हीकल में से ईवी बिजनेस को एक बार फिर अलग कर दे. जैसे अभी वैल्यू अनलॉक करने के लिए ये मौजूदा बंटवारा हो रहा है.