: पेट का फ्लू जिसे गैस्ट्रोएंटेराइटिस भी कहते हैं. यह एक वायरल इंफेक्शन है जो आंतों में होता है. इस बीमारी से ग्रसित किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने पर आप इसकी चपेट में आ सकते हैं. बदलते मौसम के कारण यह समस्या बहुत आम हो जाती है. यही कारण है कि हाल ही में दिल्ली में स्टमक फ्लू के मामले काफी बढ़ रहे हैं.आमतौर पर पेट का फ्लू 1-3 दिन तक ही रहता है. लेकिन सही समय पर उपचार ना करने पर यह अवधि बढ़ भी सकती है. बता दें कि इस बीमारी के कारण शरीर इतना कमजोर हो सकता है कि इसके ठीक होने के बाद भी आंतों को सही तरह से काम करने में 1-2 हफ्ते का समय लग सकता है. ऐसे में खुद को सेहतमंद रखने के लिए इसके लक्षण और बचाव के उपायों को जान लेना बहुत जरूरी है.
पेट का फ्लू कैसे होता है?
एनआईएच के अनुसार, स्टमक फ्लू के कई सारे वायरस के कारण हो सकता है. इसमें नोरोवायरस, रोटावायरस, एडिनोवायरस, एस्ट्रोवायरस मुख्य रूप से शामिल हैं. यह आमतौर पर दूषित खानपान जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं. वायरस के आधार पर पेट के फ्लू के लक्षण अलग समय पर नजर आ सकते हैं.इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाजपतली दस्तपेट में दर्द या ऐंठनमतली या उल्टीकभी-कभी बुखारपेट में जलनडिहाइड्रेशनकिन लोगों को है स्टमक फ्लू का ज्यादा खतराक्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, पेट का फ्लू उन लोगों को ज्यादा होता है जिसकी इम्यूनिटी बहुत कमजोरी होती है. इसके अलावा बच्चे और बुजुर्ग इस इंफेक्शन की चपेट में ज्यादा आते हैं.
कैसे करें पेट के फ्लू से बचावपेट के फ्लू से बचने का सबसे अच्छा और कारगर उपाय है कि आप बार-बार अपनी हाथों को सेनेटाइज करें. खाने पीने की चीजों को धोकर खाएं. साथी बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें. इसके अलावा बाहर का खाना कम से कम खाएं.