Sabha Chunav Congress: लोकसभा चुनाव में पहले चरण वाली 102 सीटों पर आज से नामांकन शुरू हो गया है. पहले चरण में 19 अप्रैल को यूपी की 8 सीटों पर भी मतदान होगा. हालांकि सबसे ज्यादा सांसद चुनकर संसद भेजने वाले यूपी में कांग्रेस अभी कश्मकश में है. जी हां, कांग्रेस अभी उम्मीदवार घोषित नहीं कर रही है. इसके कई कारण बताए जा रहे हैं लेकिन अंदरखाने से पता चला है कि मुख्य विपक्षी दल बसपा के वोटबैंक को देखते हुए इंतजार कर रहा है. शायद कांग्रेस को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में ऐन वक्त पर मायावती का मन बदल जाए और वह कांग्रेस से हाथ मिला लें. इसके लिए शायद वह अपने हिस्से की सीट मायावती को देने के लिए राजी हो जाए.
दरअसल, विपक्षी INDIA गठबंधन ने सीटें तो बांट ली हैं लेकिन नाम फंसे हुए हैं. 80 सीटों वाले यूपी में सपा 63 और कांग्रेस 17 सीटों पर लड़ेगी. मायावती कई बार इनकार कर चुकी हैं. उन्होंने कहा है कि वह अकेले चुनाव में उतरेंगी. अगर ऐसा होता है तो विपक्षी गठबंधन का वोट बंटेगा और इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा. कुछ दिन पहले खबर आई थी प्रियंका गांधी ने मायावती से फोन पर बात की लेकिन आगे कुछ नतीजा नहीं निकला. यूपी की करीब 25 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां दलित और मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में हैं.
खबर है कि लालू की पार्टी RJD चतरा, पलामू के अलावा एक और सीट मांग रही है. दूसरी तरफ कांग्रेस और झामुमो लालू की पार्टी को एक केवल सीट देने के मूड में है. इधर सोरेन परिवार की सदस्य सीता सोरेन भाजपा में शामिल हो गई हैं. समझा जा रहा है कि इस हफ्ते सीट शेयरिंग का ऐलान हो सकता है. अपने ही निर्दलीय लड़े तो क्या होगा? यहां भाजपा के सामने बड़ा संकटयूपी का गेमविपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ यूपी में अपनी खोई जमान तलाशने में जुटा है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए नया नारा ‘पीडीए’ दिया है, जिसका मतलब पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक है.