नई दिल्ली:- आज कल भारत में पेट्रोल और डीजल के साथ ही सीएनजी से चलने वाली कारों का काफी ज्यादा उपयोग होता है। भले ही सीएनजी कार को चलाना थोड़ा सस्ता पड़ता है। लेकिन ऐसी कारों के कुछ नुकसान भी होते हैं। सीएनजी कारों के साथ किस तरह के नुकसान होते हैं, हम इसकी जानकारी आपको इस खबर में दे रहे हैं।
सीएनजी कार का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि इस ईंधन से कार को चलाने के लिए अलग से सिलेंडर कार में फिट करना पड़ता है। जिस कारण कार में सामान रखने में काफी ज्यादा परेशानी होती है। कार की डिग्गी में सीएनजी के सिलेंडर को लगाया जाता है। जिसके बाद कार में सामान के साथ सफर करना मुश्किल हो जाता है।
अगर सीएनजी कार की सर्विस को समय पर नहीं करवाया जाता तो इससे इंजन के कुछ पार्ट काफी जल्दी खराब हो जाते हैं। लगातार इस तरह की लापरवाही के कारण कार का इंजन भी सीज हो सकता है। आमतौर पर सर्विस के दौरान पेट्रोल इंजन की सेटिंग ही देखी जाती है। वहीं सीएनजी के लिए अलग से सेटिंग को करवाया जाता है।
सीएनजी कार का पिकअप पेट्रोल कार के मुकाबले कम होता है। कंपनी से सीएनजी के साथ आने वाली कारों में उसी तरह से सेटिंग की जाती है। लेकिन पुरानी कार में सीएनजी किट लगवाने के बाद पिकअप में कमी को साफतौर पर महसूस किया जा सकता है। कई बार जरूरत के समय पिकअप और पावर कम होने से परेशानी हो सकती है।
सीएनजी कार का सही तरह से ध्यान न रखा जाए तो फिर इससे सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ जाता है। कार में सीएनजी सिलेंडर और पाइप होती है, जिसके जरिए सीएनजी को सिलेंडर तक और फिर सिलेंडर से इंजन तक पहुंचाया जाता है। अगर इनकी नियमित तौर पर देखभाल न की जाए तो फिर लीकेज की समस्या हो सकती है। अगर लीकेज की समस्या हो जाए तो फिर आग लगने जैसे कई खतरे बढ़ जाते हैं। इससे बचने के लिए सीएनजी कार के सिलेंडर का हर तीन साल में टेस्ट करवाया जा सकता है।