नई दिल्ली:- तीसरे चरण के तहत कर्नाटक की 14 सीटों पर चुनाव होगा। यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए न सिर्फ प्रतिष्ठा का सवाल है बल्कि उत्तर कर्नाटक के दिग्गजों के भविष्य का भी सवाल है। इन दिग्गजों में कई तो खुद मैदान में है, जबकि कुछ ने अपने बेटे-बेटी, बहू, बहन और दामाद को मैदान में उतार रखा है।
अकेले कांग्रेस के ही पांच मंत्री और विधायकों के बेटे-बेटी और बहू इस क्षेत्र से मैदान में है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुलबर्ग की अपनी पारंपरिक सीट से अपने दामाद को मैदान में उतार रखा है। भाजपा ने भी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले वीएस येदियुरप्पा के बेटे को शिमोगा सीट से मैदान में उतार रखा है।
हावेरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे पूर्व सीएम बासवराज बोम्मई तो रोड शो के दौरान थोडी-थोड़ी देर में रोड-शो वाली वैन में बैठ जाते हैं। लेकिन भाषण के लिए खड़े होते हैं तो लोगों में पूरा जोश भरते हैं। वह लोगों में भाजपा और मोदी के कामों को गिनाते हैं। घर-घर नल पहुंचाने को भाजपा का भागीरथ प्रयास बताते हैं।
मोदी के नेतृत्व में देश के बढ़े गौरव, राम मंदिर निर्माण का जिक्र करते हैं। बोम्मई को हावेरी के मौजूदा भाजपा सांसद शिवकुमार उदासी का टिकट काटकर मैदान में उतारा गया है, उनके मुकाबले में वहां से कांग्रेस के आनंदस्वामी को मैदान में हैं, जो स्थानीय मठ के प्रमुख हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे भी अपने दामाद को जिताने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं। कहीं भी रहें, लेकिन वह गुलबर्ग का हर दिन का अपडेट लेना नहीं भूलते हैं। दूसरे के सहारे से भले ही मंच पर चढ़ते हैं लेकिन मंच संभालने के बाद भाजपा के खिलाफ आक्रामक होना नहीं भूलते हैं।
पिछली बार वह गुलबर्ग की अपनी पारंपरिक सीट से भाजपा के उमेश जाधव से हार गए थे। बंजारा समाज से जुड़े उमेश जाधव का मुकाबला इस बार खरगे के दामाद राधाकृष्णन से हैं। राधाकृष्णन को जिताने के लिए खरगे के बेटे व राज्य के मंत्री प्रियांश खरगे ने पूरा जिम्मा संभाल रखा है। वहीं उमेश जाधव के लिए खुद पीएम मोदी और राज्य का पूरा नेतृत्व जुटा है।
राज्य में एक बड़ा मुकाबला बेलगाम में भी है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार मैदान में है। उनका मुकाबला राज्य की मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर के बेटे मृणाल रवींद्र हेब्बालकर से है। शेट्टार लिंगायत समाज से आते हैं। हालांकि उनके खिलाफ बाहरी होने का मुद्दा है।
राज्य की मंत्री लक्ष्मी अपने भाषणों में लोगों को बताती हैं कि बेलगाम के हम हैं, शेट्टार तो हुबली के है। शेट्टार के भाजपा के पुराने नेता हैं, हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान वह भाजपा को छोड़कर कांग्रेस के साथ चले गए थे। बाद में फिर वापस आ गए है।
बेलगाम, बीदर, चामराजनगर, चिक्कोडी, बागलकोर, दावणगेरे सीटों से भी कांग्रेस नेताओं के बेटा-बेटी व बहू मैदान में हैं। इनमें बेलगाम, बीदर और चामराजनगर से इनके बेटे और चिक्कोडी, बागलकोट से नेताओं की बेटी और दावणगेरे से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की बहू और राज्य के मंत्री की पत्नी मैदानी में हैं।
उत्तरी कर्नाटक की धारबाड़ लोकसभा सीट पर भी मुकाबला काफी दिलचस्प है। इस सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी मैदान में है। उनके सामने कांग्रेस के विनोद असुती मैदान में हैं। यहां मुकाबला एक स्थानीय संत के मैदान में उतरने से चर्चा में था, लेकिन बाद में संत ने अपना नाम वापस ले लिया है। लिंगायत समाज से जुड़े पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और बोम्बई भी उनकी मदद कर रहे है।