मध्यप्रदेश:- वास्तु शास्त्र में ऊर्जा का खास महत्व होता है. वास्तु में घर के हर एक कोने की निश्चित दिशा बताई गई है. वास्तु शास्त्र में किचन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. वास्तु के अनुसार कहा किचन में कोई दोष हो तो इसका प्रभाव खाना बनाने वाले के साथ ही पूरे परिवार पर भी पड़ता है.
रसोई में रखे चूल्हे की गलत दिशा घर की सुख -शांति भंग कर देती है. वास्तु के अनुसार रसोई में चूल्हे की दिशा का खास ध्यान रखना चाहिए. जानते हैं कि रसोई में चूल्हे का मुंह किधर नहीं होना चाहिए. वास्तु के अनुसार रसोई में चूल्हे की दिशा का खास ध्यान रखना चाहिए. जानते हैं कि रसोई में चूल्हे का मुंह किधर नहीं होना चाहिए.
इस दिशा में नहीं होना चाहिए चूल्हा
चूल्हे को कभी भी उत्तर दिशा में नहीं रखना चाहिए. यह दिशा देवी लक्ष्मी का प्रतीक है. माना जाता है कि इस दिशा में चूल्हा रखने से धन-संपत्ति में कमी हो सकती है.
पश्चिम दिशा पितृ देवताओं का प्रतीक है. वास्तु के अनुसार इस दिशा में चूल्हा रखने से परिवार में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं.
दक्षिण-पश्चिम दिशा राहु ग्रह का प्रतीक है. इस दिशा में चूल्हा रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है. इससे मन में अशांति और परेशानियां हो सकती हैं.
ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा का कोना ईश्वर का प्रतीक है. इस दिशा में चूल्हा रखने से पूजा-पाठ में बाधा आती है और घर में अशांति पैदा होती है.
चूल्हे का मुंह रखने के लिए शुभ दिशाएं
आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा अग्नि देवता का प्रतीक है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, चूल्हे का मुंह इस दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है. इससे घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता का प्रवाह बढ़ता है.
इसके अलावा पूर्व दिशा में भी चूल्हे का मुंह रखना शुभ होता है. यह दिशा सूर्य देवता का प्रतीक है. इस दिशा में चूल्हा रखने से भी घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है. इसके शुभ प्रभाव से घर के सदस्यों की सेहत अच्छी होती है.