नई दिल्ली :– ज्योतिष में गोमेद को राहु का रत्न माना जाता है। यह रत्न कुंडली में मौजूद कई दोषों को दूर करने की क्षमता रखता है। हालांकि कुंडली में यह देखना जरूरी होता है कि यह रत्न आपके लिए शुभ है या नहीं। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि राहु का गोमेद रत्न किन राशियों के लिए शुभ फलदायी साबित हो सकता है, और इसे पहनने में क्या सावधानियां हमको बरतनी चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो जिन लोगों की राशि वृषभ, मिथुन, तुला, मकर या कुंभ होती है उनके लिए गोमेद रत्न बहुत शुभ होता है। इसके साथ ही वो लोग भी गोमेद धारण कर सकते हैं जिनका लग्न इन सभी राशियों का हो। जिन लोगों की कुंडली में राहु ग्रह चौथे, सातवें, नौवें या दसवें भाव में होता है उनके लिए भी गोमेद पहनना अच्छा माना जाता है। वहीं जिन लोगों की कुंडली में राहु की स्थिति अच्छी हो या राहु उच्च का हो उन्हें भी गोमेद पहनने से फायदे मिलते हैं।
गोमेद रत्न धारण करने के बाद कई शुभ परिणाम व्यक्ति को मिलते हैं। गोमेद रत्न को धारण करने से अटके काम बनने लगते हैं, जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। गोमेद को धारण करने के बाद आपके शत्रु भी परास्त होते हैं। साथ ही प्रेम या वैवाहिक जीवन में जो परेशानियां चली आ रही थीं वो भी दूर हो जाती हैं। माना जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष के बुरे प्रभाव को भी गोमेद रत्न कम कर देता है।
गोमेद रत्न को शनिवार के दिन धारण करना चाहिए। इसे चांदी या अष्टधातु की अंगूठी में लगाकर पहना जाता है। शनिवार के दिन गोमेद रत्न जड़ित अंगूठी पहनने से पहले आपको इसे दूध, गंगाजल और शहद में भिगोकर शुद्ध कर देना चाहिए। अंगूठी पहनते समय आपको ‘ऊँ रां राहवे नम:’ मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए। जप करने के बाद कनिष्ठा उंगली में आपको अंगूठी धारण कर लेनी चाहिए।
गोमेद की अंगूठी पहनना उन लोगों के करियर में जबरदस्त बदलाव ला सकता है जो राजनीति, वकालत, जासूस, मीडिया आदि के क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इसके साथ ही जिन लोगों को गोमेद रत्न सूट कर जाता है उनको हर सुख सुविधा जीवन में मिल जाती है। हालांकि इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि, बिना ज्योतिषीय सलाह के इस रत्न को धारण न करें। अगर आप बिना ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को देखकर इस रत्न को धारणकर लेते हैं तो आपको फायदे के जगह नुकसान हो सकते हैं। जिन लोगों को यह रत्न सूट नहीं होता उनके जीवन में कई दिक्कतें और परेशानियां गोमेद को पहनने के बाद आ सकती हैं। इसलिए कुंडली दिखवाने के बाद ही गोमेद रत्न धारण करें।