नई दिल्ली:- ज्येष्ठ माह में गंगा की पूजा का बहुत महत्व है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को देवी गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं. यही कारण है इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है. इस साल यह पावन पर्व 16 जून यानि रविवार को है. आपको बता दें इस दिन स्नान -दान के अलावा रुद्राभिषेक करने का भी खास महत्व होता है. ऐसे में चलिए जान लेते हैं गंगा दशहरा पर रुद्राभिषेक करने का नियम और मुहूर्त.
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त –
द्रिकपंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून 2024 को सुबह 2:32 बजे शुरू होगी और 17 जून 2024 को सुबह 4:43 बजे समाप्त होगी.
हस्त नक्षत्र प्रारम्भ: 15 जून 2024, प्रातः 8:14 बजे
हस्त नक्षत्र समाप्त: 16 जून, 2024, सुबह 11:13 बजे
व्यतिपात योग शुरू: 14 जून, 2024, शाम 7:08 बजे
व्यतिपात योग समाप्त: 15 जून, 2024, रात 8:11 बजे
गंगा दशहरा पर कैसे करें रुद्राभिषेक-
गंगा दशहरा के पावन पर्व पर आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें.
इसके बाद साफ कपड़ा धारण करें.
फिर आप रुद्राभिषेक का सारा सामान इकट्ठा कर लीजिए
इसके बाद पंचामृत फिर गंगाजल से शिव लिंग का अभिषेक करें
फिर साफ जल से अभिषेक करें और स्वच्छ वस्त्र चढ़ाएं व चंदन का लेप लगाएं.
इसके अलावा भांग, धतूरा, कनेर का फूल, बेल पत्र, सफेद मिठाई, फल और ठंडाई आदि चीजें शिवलिंग पर चढ़ाएं.
पूजा के दौरान शिव जी के मंत्रों का भी जाप करें. अतं में आरती करके रुद्राभिषेक संपन्न करिए.
गंगा दशहरा पर क्यों करें रुद्राभिषेक –
ऐसी मान्यता है कि शिव पूजा से बहुत लाभ मिलता है. इस समय भोलेनाथ बहुत प्रसन्न मुद्रा में होते हैं, ऐसे में उनकी विधि-विधान से पूजा करना बहुत फलदायी हो सकता है.