नई दिल्ली:– हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, सावन का पवित्र महीना जितना खास होता है। उससे कई गुना अधिक महत्व इस माह में पड़ने वाले सोमवार का माना गया है। सावन के पहले सोमवार पर आप शिव जी की पूजा ब्रह्म मुहूर्त के बाद भी कर सकते हैं। शिव जी की पूजा के लिए पूरा दिन शुभ होता है। यहां तक कि भगवान शिव की पूजा के लिए राहुकाल भी अशुभ नहीं होता है।
पहले सोमवार को महामायाधारी की पूजा
सावन के पहले सोमवार को महामायाधारी भगवान शिव की आराधना की जाती है। पूजा क्रिया के बाद शिव भक्तों को ‘ऊं लक्ष्मी प्रदाय ह्री ऋण मोचने श्री देहि-देहि शिवाय नम: का मंत्र 11 माला जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से लक्ष्मी की प्राप्ति, व्यापार में वृद्धि और ऋण से मुक्ति मिलती है।
शुभ योग
इस दिन प्रीति योग, आयुष्मान योग, स्वार्थ सिद्ध योग और शिववास योग बन रहा है। ऐसे में शंकर जी की पूजा करना लाभदायक रहेगा।
दूसरा सोमवार महाकालेश्वर की पूजा
दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर शिव की विशेष पूजा करने का विधान है। ‘ऊं महाशिवाय वरदाय हीं ऐं काम्य सिद्धि रुद्राय नम:’ मंत्र का रुद्राक्ष की माला से कम से कम 11 माला जाप करना चाहिए। महाकालेश्वर की पूजा से सुखी गृहस्थ जीवन, पारिवारिक कलह से मुक्ति, पितृ दोष व तांत्रिक दोष से मुक्ति मिलती है।
तीसरा सोमवार अर्द्धनारीश्वर की पूजा
सावन की तृतीय सोमवार को अर्द्धनारीश्वर शिव का पूजन किया जाता है। इन्हें खुश करने के लिए ‘ऊं महादेवाय सर्व कार्य सिद्धि देहि-देहि कामेश्वराय नम:’ मंत्र का 11 माला जाप करना श्रेष्ठ माना गया है। इनकी विशेष पूजन से अखंड सौभाग्य, पूर्ण आयु, संतान प्राप्ति, संतान की सुरक्षा, कन्या विवाह, अकाल मृत्यु निवारण व आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है।
चौथे सोमवार तंत्रेश्वर शिव की आराधना
चौथे सोमवार को तंत्रेश्वर शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन कुश के आसन पर बैठकर ‘ऊं रुद्राय शत्रु संहाराय क्लीं कार्य सिद्धये महादेवाय फट्’ मंत्र का जाप 11 माला शिवभक्तों को करनी चाहिए। तंत्रेश्वर शिव की कृपा से समस्त बाधाओं का नाश, अकाल मृत्यु से रक्षा, रोग से मुक्ति व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पांचवां सोमवार रुद्राभिषेक करें
सावन के पांचवें सोमवार को रुद्राभिषेक करना चाहिए। इसके बाद फल, पुष्प, धूप, बेलपत्र, अक्षत आदि चीजें अर्पित करें। फिर भगवान शिव का नाम लेते हुए देसी घी का दीपक जलाएं। इस दौरान शिव जी के मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए, इससे सकारात्मकता का स्तर बढ़ता है। अंत में शिव जी की आरती करें। फिर जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हुए महादेव का आशीर्वाद लें।
