: कम उम्र से ही बच्चों की लाइफस्टाइट खराब हो जाए तो मोटापा या ओबेसिटी की समस्या बहुत आसानी से जकड़ लेती है. बच्चे फूलते चले जाते हैं. बेडोल तो दिखते ही हैं सुस्त भी हो जाते हैं. ये सुस्ती शरीर को इस कदर आलसी बना देती है कि उसके बाद बीमारियां भी शरीर को घर बनाने लगती हैं. ये अवस्था अक्सर इतनी गंभीर होती है कि बच्चे के लिए परिस्थितियां घातक भी हो सकती हैं. एक एक्टिव और केयरिंग पेरेंट होने के नाते हर माता पिता को बच्चो को ओबेसिटी से बचाने की कोशिश करनी चाहिए. जिसके लिए सिर्फ तीन बातों का ख्याल रखना काफी है.
खाने पर रखें कंट्रोलअगर आपको लग रहा है कि आपका बच्चा पहले जैसा एक्टिव नहीं रहा. उसका वजन अब तेजी से बढ़ रहा है तो जल्द से जल्द उनकी ईटिंग हैबिट्स को बदल दें. बच्चे को जंक फूड, ज्यादा बटर और चीज से दूर रखें. उसकी डाइट में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन और फाइबर शामिल करें. उसे लगातार हेल्दी खाना खाने के लिए मोटिवेट करें.
फिजिकल एक्टिविटी पर दें जोरबच्चे अगर बहुत लेजी या सुस्त हों तो उन्हें फिजिकल एक्टिविटी कराने पर ध्यान दें. जितना घर में बैठे रहेंगे और खाते रहेंगे वजन उतना ही तेजी से बढ़ेगा. इसलिए ये जरूरी है कि बच्चे को उसकी कैपेसिटी के अनुसार थोड़ी एक्सरसाइज करवाएं और धीरे धीरे वर्कआउट का समय बढ़ाते जाएं. लाइफस्टाइल सुधारेअक्सर बच्चे टीवी देखते देखते खाना खाते हैं. कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो टेस्टी फूड के चक्कर में अनहेल्दी खाना खाते जाते हैं और मोबाइल या टीवी में व्यस्त रहते हैं. इस आदत से भी वजन बढ़ता है. बेहतर है बच्चे को खाने के समय डाइनिंग टेबल पर आने और खाने पर ध्यान देने का जोर दें. रात में देर से सोने और सुबह देर तक सोने जैसी आदतें बदल दें.
ये चीजें भी वजन घटाने में मददगाररात में हमेशा हल्का खाना खाने की ही सलाह दी जाती है. अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो रात के खाने में ज्वार का चीला, ओट्स के साथ 15 ग्राम कसा पनीर ले सकते हैं. वेजिटेबल उपमा, तवा पनीर, फ्राईड या भुनी हुई सब्जियां, वेजिटेबल इडली, चिया के बीज का हलवा और सब्जियों के साथ रागी के आटे की रोटी भी फायदमेंद होती है. एक बात और खाना खाने के बाद तत्काल सोने जाने से बचें