नई दिल्ली :– एनएसओ ने अगस्त महीने के देश के औद्योगिक उत्पादन से जुड़े आंकडें शेयर किए है। इन आंकड़ों के अनुसार पता चला है कि इस सेक्टर में पिछले 2 सालों के ब्रेक के बाद अगस्त के महीने में गिरावट दर्ज की गई है। इस महीने औद्योगिक उत्पादन में 0.1 प्रतिशत की गिरावट देखने मिली है। इस गिरावट के पीछे का कारण खनन और बिजली क्षेत्रों का प्रदर्शन खराब होने और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के स्थिर रहने को बताया जा रहा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ ने शुक्रवार को अगस्त, 2024 के लिए औद्योगिक उत्पादन के ये आंकड़े जारी किए। अगस्त, 2023 में औद्योगिक उत्पादन 10.9 प्रतिशत बढ़ा था। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स यानी आईआईपी पर आधारित इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन वृद्धि को जुलाई के लिए संशोधित कर 4.7 प्रतिशत कर दिया गया है। पहले इसके 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में गिरावट
इस तरह चालू वित्त वर्ष के पहले 5 महीने यानी अप्रैल-अगस्त में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 4.2 प्रतिशत बढ़ा है। इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर के इसी समय में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन का ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत था। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त में खनन, मैन्यूफैक्चरिंग और बिजली क्षेत्र का प्रदर्शन खराब रहने से कुल इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में गिरावट आयी है।
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का ग्रोथ रेट
इस दौरान खनन क्षेत्र में 4.3 प्रतिशत और बिजली क्षेत्र में 3.7 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का ग्रोथ रेट सिर्फ 1 प्रतिशत रहा है। एनएसओ ने कहा कि अगस्त में संभवतः भारी बारिश की वजह से खनन क्षेत्र का उत्पादन प्रभावित हुआ। देश के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन आंकड़ों में पिछली गिरावट अक्टूबर, 2022 में देखी गई थी। उस समय आईआईपी में 4.1 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
9.9 प्रतिशत की बढ़त
एनएसओ की तरफ से जारी उपयोग-आधारित वर्गीकरण के अनुसार, पूंजीगत प्रोडक्शन सेगमेंट का ग्रोथ रेट अगस्त, 2024 में घटकर 0.7 प्रतिशत रह गई, जो पिछले साल इसी समय में 13.1 प्रतिशत थी। गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन 4.5 प्रतिशत घटा है, जबकि अगस्त, 2023 में इसमें 9.9 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई थी।
1 साल पहले बढ़ा था कारोबार
टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन की वृद्धि भी समीक्षाधीन महीने में धीमी होकर 5.2 प्रतिशत रह गई जबकि अगस्त, 2023 में यह 6 प्रतिशत बढ़ा था। आंकड़ों के मुताबिक, बुनियादी ढांचे/ निर्माण वस्तुओं में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 1 साल पहले इसी समय में 15.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा था। प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में अगस्त में 2.6 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि एक साल पहले इसमें 12.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन का ग्रोथ रेट बढ़ा
मध्यवर्ती वस्तुओं के खंड में अगस्त, 2024 में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अगस्त महीने में आईआईपी का मामूली रूप से घटना सामान्य से अधिक बारिश होने से खनन उत्पादन, बिजली की मांग और रिटेल ग्राहकों की संख्या में अस्थायी कमी को दर्शाता है। इसके अलावा प्रतिकूल आधार प्रभाव की भी इसमें भूमिका रही है। हालांकि, नायर ने उम्मीद जताई कि त्योहारी मौसम से पहले जीएसटी ई-वे बिलों में वृद्धि तेज होने और अनुकूल आधार प्रभाव की वजह से सितंबर में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन का ग्रोथ रेट लगभग 3-5 प्रतिशत हो जाएगा।
