नई दिल्ली:– बिहार में शिक्षकों, खासकर महिला शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। जनवरी 2025 से उन्हें अपने ही जिले में प्रशिक्षण मिलेगा। इससे उन्हें राज्य मुख्यालय या दूसरे जिलों में जाने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा। शिक्षा विभाग ने यह योजना बनाई है। इसके तहत हर साल शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिन स्कूलों का प्रदर्शन कमजोर होगा, उनके शिक्षकों को डायट (DIET) में विशेष प्रशिक्षण मिलेगा। साथ ही, ITI में नए पाठ्यक्रम भी शुरू होंगे।
महिला शिक्षकों के लिए बड़ा ऐलान
बिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के प्रशिक्षण के तरीके में बड़ा बदलाव किया है। अब तक शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए दूसरे जिलों या राज्य मुख्यालय जाना पड़ता था। इससे महिला शिक्षकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इस समस्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने नई योजना बनाई है। इस योजना के तहत सभी शिक्षकों को उनके पदस्थापना वाले जिले में ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह व्यवस्था जनवरी 2025 से लागू होगी। इससे महिला शिक्षकों को बहुत राहत मिलेगी। उन्हें अब घर से दूर प्रशिक्षण के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
महिला टीचरों को अब नहीं जाना होगा घर से दूर
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहां शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि नए शैक्षणिक सत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए छात्रों और शिक्षकों के प्रदर्शन को आंकने के नए मानक बनाए जाएंगे। शिक्षकों को हर साल प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण सभी नवाचारों और मानकों के आधार पर होगा। जिन स्कूलों का प्रदर्शन लर्निंग आउटकम में कमजोर होगा, उनके शिक्षकों को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में शिक्षकों की हाजिरी बायोमेट्रिक माध्यम से ली जाएगी। इससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
शिक्षकों के प्रदर्शन पर रखी जाएगी नजर
शिक्षकों के प्रदर्शन पर नजर रखने के लिए हर DIET में एक मॉनिटरिंग सेंटर भी बनाया जाएगा। इस सेंटर का नाम ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ होगा। एनसीईआरटी ने इसका एक मॉडल भी तैयार कर लिया है। इस सेंटर के जरिए स्कूलों की निगरानी जिला स्तर पर की जाएगी। इसके अलावा, राज्य के सभी 149 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में बहु-कौशल मॉड्यूलर पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। श्रम संसाधन विभाग ने इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई है। यह कमेटी उद्योगों की जरूरतों के हिसाब से नए पाठ्यक्रम तैयार करेगी। साथ ही, ITI में भवन, उपकरण और अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए भी सुझाव देगी।
मंत्री ने भी दी बड़ी जानकारी
श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इन पाठ्यक्रमों में युवाओं को उद्योगों की जरूरत के हिसाब से प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें उद्योगों और अन्य हितधारकों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। ITI के विकास के लिए आय बढ़ाने की योजनाएं भी बनाई जाएगी। युवाओं को उद्योग-केंद्रित प्रशिक्षण दिया जाएगा और औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों की ज़रूरतों के हिसाब से विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। ITI को अकादमिक, प्रशासनिक, वित्तीय और प्रबंधन के मामलों में ज्यादा स्वायत्तता दी जाएगी।