छत्तीसगढ़:- प्राइमरी स्कूल्स में पदस्थ 2900 से ज्यादा बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को अब नौकरी से निकाला जा रहा है। ये अब कुछ समय के ही मेहमान बचे हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने इसको लेकर फैसला दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में पदस्थ 2900 से ज्यादा बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की सूची तैयार कर ली है।
कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार द्वारा आज 10 दिसंबर को इन बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को नौकरी से बाहर निकाला जा सकता है। इसको लेकर आदेश भी जारी किए जा सकते हैं। प्राइमरी स्कूलों में ऐसे शिक्षक जो उच्च योग्यता रखते हैं। यही योग्यता अब इनकी बेरोजगारी का कारण बनने जा रही है।
इसलिए दे दी थी बीएड डिग्रीधारी युवाओं को नियुक्ति
कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार के द्वारा 2900 से ज्यादा शिक्षकों को बाहर किया जा सकता है। इसकी प्रक्रिया आज से शुरू हो सकती है। 14 माह के बाद ये शिक्षक अब बाहर हो जाएंगे। इनकी नौकरी जा सकती है और ये बेरोजगार हो सकते हैं। इसके लिए राज्य शासन ने प्रदेश स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिया था झटका
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ बीएड डिग्रीधारकों को झटका दिया है. वहीं डीएलएड अभ्यर्थियों को राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है. हाइकोर्ट ने अपने फैसले में बीएड शिक्षकों की नियुक्तियों को निरस्त कर दिया था.
दरअसल, डीएलएड अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट के फैसले का पालन नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई की. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बच्चों की क्वालिटी एजुकेशन के साथ भेदभाव नहीं किया जाए. इसके साथ ही SC ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि हाईकोर्टके फैसले के मुताबिक ही कार्रवाई करें।
कोर्ट ने सुझाया था नया रास्ता
Decision on B.Ed-D.El.Ed Candidates: छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की भर्ती मामले को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई की। दरअसल बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त नहीं करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका।