नई दिल्ली:- फिक्स्ड डिपॉजिट पर सोर्स पर टैक्स कटौती से मतलब बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिले ब्याज पर काटे जाने वाले टैक्स से है. अगर यह एक वित्तीय वर्ष के दौरान स्पेसिफिक सीमा से अधिक है. 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए, TDS तब लागू होता है जब वार्षिक ब्याज आय 40,000 रुपये से अधिक होती है. वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए, यह सीमा 50,000 फीसदी है. मानक TDS दर 10 फीसदी है. लेकिन अगर जमाकर्ता ने अपना स्थायी खाता संख्या नहीं दिया है तो यह बढ़कर 20 फीसदी हो जाती है.
SBI के पूर्व अधिकारी व आर्थिक विशेषज्ञ वी. के सिन्हा ने बताया कि TDS कटौती से बचने के लिए, व्यक्ति फॉर्म 15G या फॉर्म 15 जमा कर सकते हैं ताकि यह घोषित किया जा सके कि उनकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम है. भले ही TDS काटा गया हो, जमाकर्ताओं को अनुपालन सुनिश्चित करने और अपनी कर देनदारियों को समायोजित करने के लिए अपने आयकर रिटर्न (ITR) में अपने कुल FD ब्याज की रिपोर्ट करनी चाहिए. TDS व्यक्तियों के लिए टैक्स मैनेजमेंट को सक्षम करते हुए टैक्स कलेक्शन को सरल बनाता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट पर TDS की गणना कैसे की जाती है
FD से आपको मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्स योग्य है. ब्याज से होने वाली आय आपकी कुल टैक्स लायबिलिटी का एक हिस्सा बनती है. आपको यह भी पता होना चाहिए कि जब आप एक साल में FD पर ब्याज कमाते हैं, तो यह अनिवार्य रूप से आपकी वार्षिक आय के साथ जुड़ जाता है. कुल आय के आधार पर आपका टैक्स स्लैब निर्धारित किया जाता है. चूंकि FD पर अर्जित ब्याज आय को अन्य स्रोतों से आय माना जाता है. इसलिए इसे स्रोत पर कर कटौती या TDS के तहत लगाया जाता है. जब आपका बैंक आपकी ब्याज आय को आपके खाते में जमा करता है, तो उसी समय TDS कट जाता है.
FD पर TDS छूट का लाभ कैसे उठाएं
भारत में अपने FD ब्याज पर TDS कटौती से बचने के लिए आप अपने बैंक में फॉर्म 15G या फॉर्म 15H जमा कर सकते हैं. ये फॉर्म एक सेल्फ डिक्लेरेशन के रूप में काम करते हैं, जो बैंक को सूचित करते हैं कि TDS को FD ब्याज पर लागू नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि आपकी आय मूल छूट सीमा से कम है. अगर आपकी आयु 60 वर्ष से कम है, तो फॉर्म 15G का यूज करें और यदि आपकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है, तो फॉर्म 15H का उपयोग करें.
अपने बैंक को ये फॉर्म देकर, आप सुनिश्चित करते हैं कि TDS नहीं काटा जाता है, जिससे आपको कर कटौती के बिना अपना पूरा FD ब्याज लेने की अनुमति मिलती है, बशर्ते आपकी आय छूट सीमा के भीतर रहे.