सरगुजा :- फसल बीमा जैसी योजनाओं की असलियत क्या है. क्या इन योजनाओं से किसान को लाभ होता या फिर ये सिर्फ बीमा कंपनी के लाभ का विषय है. हर वर्ष हर फसल में किसान बीमा का प्रीमियम दे रहे हैं, लेकिन सवाल ये है कि बदले में उन्हें क्या मिल रहा है. इसकी पड़ताल की तो चौंकाने वाली बात सामने आई. इस योजना से किसान नही बल्कि बीमा कंपनी मालामाल हो रही है. ये खुलासा कृषि विभाग के आंकड़ों से ही हुआ है,वहीं कृषि विभाग के अधिकारी बीमा कंपनी का बचाव करने नजर आ रहे हैं.
इस योजना की पड़ताल सिर्फ एक जिले में की है. हालांकि पूरे राज्य की तस्वीर ही ऐसी है. हमने दो वर्षों के 4 सीजन के आंकड़े निकाले वर्ष 2023 और 24 में रबी और खरीफ की फसल में बीमा प्रीमियम और नुकसान के क्लेम की जानकारी ली. कृषि विभाग के अनुसार वर्ष 2023 में खरीफ सीजन में 36128 किसानों ने फसल का बीमा कराया. इसमें करीब 40 हजार 211 हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल का बीमा किया गया. आपदा में फसल नुकसान होने पर बीमा कंपनी ने 95 लाख 23 हजार का क्लेम किसानों को दिया है. सरकारी आंकड़ा देने का सिस्टम भी बड़ा निराला है. इस पूरी शीट में विभाग ने कहीं पर ये स्पष्ट नहीं किया कि कंपनी ने कुल कितना पैसा प्रीमियम के नाम पर किसानों से वसूला.
खरीफ सीजन में प्रीमियम से कंपनी बनीं मालामाल : इसके लिए हमें थोड़ी और मेहनत करनी पड़ी.खरीफ सीजन में अलग-अलग फसलों में तय प्रीमियम से अनुमानित प्रीमियम निकालना पड़ा. सरगुजा में खरीफ में मुख्य रूप से धान और मक्का ही लगाया जाता है. इसमें भी करीब 90% किसान धान ही लगाते हैं. धान पर 1 हजार और मक्के पर 700 रुपए प्रति हेक्टेयर का प्रीमियम कंपनी ने वसूला है. 40 हजार 211 हेक्टेयर में अगर हम 900 रुपए हेक्टेयर से अनुमानित लागत निकालते हैं तो करीब साढ़े 3 करोड़ रुपये बीमा कंपनी ने खरीफ 2023 में वसूला है और बदले में दिए हैं 95 लाख.
रबी सीजन में कंपनी की लगी लॉटरी : अब बात करते हैं खरीफ 2024 सीजन की. इस साल तो कंपनी की लॉटरी लग गई. क्योंकि 34 हजार 416 किसानों ने बीमा कराया. जिसमें 34 हजार 675 हेक्टेयर का बीमा हुआ और क्लेम के रूप में महज 17 सौ रुपये दिए गए. इस वर्ष भी बीमा कंपनी ने करीब 3 करोड़ का प्रीमियम सरगुजा के किसानों से वसूला. मतलब 2024 में बीमा कंपनी ने 100% कमाई की है. ये सारी जानकारी विधानसभा में विधायक उमेश पटेल के फसल बीमा पर उठाए गए सवाल के बाद मिली जानकारी में सामने भी आई है. जिसमें खरीफ और रबी की सालाना फसल बीमा की जानकारी दी गई है.
रबी फसल में किसानों की संख्या बेहद कम है. इस सीजन में पूंजीपति किसान ही खेती कर पाते हैं. इसमें किसानों की संख्या तो बेहद कम है लेकिन जमीन का रकबा बहुत ज्यादा है .बड़ी बात ये है कि रबी की फसल में कंपनी ने 2024 में तो कोई क्लेम नहीं दिया. लेकिन 2023 में बीमा कंपनी ने महज 4300 किसानों में 20 लाख रुपये बांट दिए. मैनपाट के किसान नागेश्वर यादव बताते हैं कि उन्होंने धान और उसके बाद टाउ की फसल लगाई थी. बीमा तो समिति के क्रेडिट कार्ड से खुद कर दिया जाता है, लेकिन जब उनकी फसल बर्बाद हुई तो एक रुपया भी नहीं मिला.
एक साल हो गया, अधिकारी आए जांच किए लेकिन कुछ नहीं मिला. उस सीजन में मेरी ही नहीं बल्कि आसपास के सभी खेतों की फसल बर्बाद हो गई थी-नागेश्वर यादव, किसान
कृषि मामलों के जानकार अमितेज सिंह कहते हैं कि सुनने में बहुत अच्छा लगा था कि फसल बीमा योजना समितियों से हम लोगों का बीमा कर दिया गया. उसका प्रीमियम भी एक फसल पर 3-4 हजार काट लिया गया. लेकिन फायदा किसानों को नहीं मिला.
जब प्राकृतिक आपदा आई जैसे सूखा, अतिवृष्टि, पाला मार दिया ऐसी स्थिति में जब आंकलन किया गया तो बीमा कंपनी ने किसानों को 4 रुपये, 5 रुपये सबसे अधिक हजार रुपये क्लेम के रूप में दिए. जो किसान के साथ मजाक था. कम से कम बीमा कंपनी एमएसपी की तर्ज पर मिनिमन रिटर्न फिक्स करे कि इस फसल पर हम आपको इतना देंगे – अमितेज सिंह, कृषि मामलों के जानकार
कृषि विभाग के लिए कोई भी गड़बड़ी नहीं : कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पीताम्बर सिंह दीवान ने वर्ष 2023-24 में रबी और खरीफ फसल में बीमा सबंधी आंकड़े उपलब्ध कराते हुए कहा कि आरोप सही नहीं हैं.
एरिया के अनुसार उसका आंकलन होता है उतना ही मिलता है. ऐसा नही है कि कुछ भी उसको मिल जायेगा.कंपनी आंकलन करने के बाद ही मुआवजा देती है – पीताम्बर सिंह दीवान, डीडीए
कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के मुताबिक विभाग की ओर से फसल बीमा के नाम पर जो हो रहा है वो सही है.बीमा कंपनी किसानों को फसल की सुरक्षा करने का वादा करती है.लेकिन जब किसान मुसीबत में होता है तो क्लेम सेटल के नाम पर ठगा जाता है.यदि किसानों को 5 रुपए से लेकर 1 हजार तक का नुकसान आंकलन करके क्लेम दिया जा रहा है तो ये कृषि विभाग की नजर में सही है.ऐसे में आप खुद ही अंदाजा लगा लिजिए कि किसानों के लिए बनाया गया विभाग किसके लिए काम कर रहा है.