नई दिल्ली : – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 22 अप्रैल 2025 से सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। यह यात्रा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री महामहिम मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर हो रही है। यह प्रधानमंत्री मोदी की सऊदी अरब की तीसरी यात्रा होने वाली है। बता दें, इससे पहले पीएम मोदी 2016 और 2019 में भी सऊदी अरब का दौरा कर चुके हैं।
पिछले एक दशक में भारत और सऊदी अरब के रिश्तों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति और जन-संपर्क जैसे क्षेत्रों में निरंतर सहयोग बढ़ा है। वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 43.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया। आज सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जब्कि भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा साझेदार बन गया है।
क्या है इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य?
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करना है। इस दौरान ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार, निवेश, रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग जैसे प्रमुख क्षेत्रों में बातचीत की संभावना है। साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब में रह रहे भारतीय कामगारों से भी मुलाकात करेंगे और उनके योगदान की सराहना करेंगे।
ऊर्जा और निवेश में सहयोग
सऊदी अरब भारत का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है। दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बहुत अहम है। सऊदी की तेल कंपनी अरामको भारत में रिफाइनरी परियोजनाओं में निवेश की योजना बना रही है, जिससे द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग को और गति मिलेगी।
रक्षा क्षेत्र में बढ़ता विश्वास
भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा सहयोग भी तेजी से बढ़ा है। सऊदी अरब ने भारत से 155 मिमी की तोपें और गोला-बारूद खरीदे हैं। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास जैसे ‘सदा तनसीक’ और ‘तरंगा शक्ति’ भी आयोजित किए जा चुके हैं। इससे रक्षा तकनीकी और उत्पादन में साझा सहयोग को बल मिला है।
वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान पश्चिम एशिया की स्थिति, इजराइल-फिलिस्तीन विवाद, और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। ये चर्चाएं भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी को वैश्विक मंच पर और अधिक मजबूती देंगी।