रायपुर:- गुरुवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय कुशाभाव ठाकरे में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने वक्फ सुधार जन जागरण अभियान लेकर 2025 को लेकर एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया. पीसी में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पूर्व मंत्री और विधायक अजय चंद्राकर सहित भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव और छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज भी मौजूद थे.
वक्फ सुधार जनजागरण अभियान: केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वक्फ सुधार जन जागरण अभियान 2025 को देशभर में शुरू करने का उद्देश्य यह है कि इसका कुछ तत्वों के द्वारा दुसप्रचार किया जा रहा है. कुछ लोग गुमराह करने का काम कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जहां तक वक्फ का विषय है अक्सर ये नैरेटिव फैलाने का प्रयास किया जा रहा है कि ये मुसलमान समुदाय के खिलाफ है. जबकी बल्कि वास्तविकता और हकीकत यह है कि यह मुसलमान समुदाय के हक में ही लाया गया है.
वक्फ का अर्थ होता है समर्पित कर देना”: केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि “वक्फ का अर्थ होता है समर्पित कर देना और यह कॉन्सेप्ट भी इस विचार से जन्मा है. उसी समाज के कुछ विद्वानों ने बहुत पहले कॉन्सेप्ट लाया और उसके पीछे का एक मकसद ये था कि जो इस समुदाय के पिछड़े वर्ग के लोग हैं या फिर जिनका पुनर्विकास नहीं हो पाया है जैसा होना चाहिए था. उनको वित्तीय सहयोग और सहायता देने के लिए जिसमें चैरिटी भी रहता था दान भी रहता था दिया जाता था. लेकिन विडंबना यह है कि बीच में कुछ एक ट्रस्टी आ गए स्वार्थी तत्व भी आ गए और नतीजा यह निकला कि आज भी देश में 31% मुस्लिम समुदाय के लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. इसके विपरीत जो वक्फ की प्रॉपर्टी है देश भर में 80% पर कोई ना कोई भ्रष्टाचार का आरोप है. जबरन कब्जा करने का आरोप है. कहीं कुछ एक लोगों ने वक्फ का प्रावधान का इस्तेमाल करके अपनी जायदाद और अपनी प्रॉपर्टी बड़े-बड़े मॉल और होटल बनाने का रास्ता ढूंढ लिया.””सबको मिले बराबरी का दर्जा”: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि समाज का वह वर्ग जो पिछली सरकारों की प्राथमिकता से छूट गए है. जैसा विकास होना चाहिए था उस तरह से विकास नहीं हो पाया. ऐसे में उनका बराबरी का दर्जा मिल सके और जो विकास से वंचित है उनका भी विकास हो. इस दौरान उन्होंने एक खूबसूरत शब्द भी कहा था कि भारत को यदि विकसित होना है हर वर्ग और हर क्षेत्र का विकास होना जरूरी है. पिछले 11 वर्ष मोदी जी की सरकार को वही प्रेरित करता रहा. वक्फ इस्लामी कानून के अंतर्गत स्थापित एक अपरिवर्तनीय धार्मिक निधि है. जैसे भारत अधिनियम 1950 और 55 के तहत लेकिन यह पुराने काल से चल रहा था, लेकिन सन 1995 में इसका अधिनियम बना और वर्तमान में जो अधिनियम लाया गया है.
”हड़बड़ाहट में लिए यूपीए ने कई फैसले”: केंद्रीय ने मंत्री ने कहा साल 2013 में यूपीए सरकार को पराजय का सामना करना पड़ा था. हड़बड़ाहट में उन्होंने बहुत सारे फैसले किए. उस समय अन्ना हजारे का प्रदर्शन चल रहा था. मोदी जी की सरकार आने के बाद फिर से लाना पड़ा था कि वह इस काबिल हो सके. इसी तरह से ये निर्णय भी लेना पड़ा साल 2013 में जो नियम लाया. उसके तहत वक्फ बोर्ड जो न्यूनतम ब्याज के संतुलन के साथ एक तरफ रूप में संपत्तियों का वक्फ घोषित कर दिया गया और यह ज्ञान दिया गया कि यह वक्फ की प्रॉपर्टी है. तो चाहे वह किसी की भी हो इसकी अधिकृत वक्फ की हो कोई भी धर्म इस प्रकार की इजाजत नहीं देता. ताकि आप किसी शोषित व्यक्ति का किसी गरीब की प्रॉपर्टी हड़प कर ले धर्म के नाम पर इसलिए वर्तमान अधिनियम परिवर्तन में पारदर्शिता भी है. इसमें संवैधानिक चिंताओं को भी दूर करने का प्रयास किया गया है.