मुंबई:- कुछ महीने पहले महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवण में राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई थी. उस समय शिवाजी के प्रेमियों में सरकार के खिलाफ गुस्से की लहर भड़क उठी थी. इसके बाद सरकार ने उसी स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य दिव्य प्रतिमा स्थापित करने का वादा किया था.
इसके बाद मूर्तिकार राम सुतार ने छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा बनाई, जिसका आज छत्रपति शिवाजी महाराज की नवनिर्मित प्रतिमा का लोकार्पण, दर्शन और पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मंत्री शिंवद्रराजी भोसले, मंत्री नितेश राणे आदि मौजूद थे.
भव्य और दिव्य प्रतिमा
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “आज महाराज की भव्य और दिव्य प्रतिमा स्थापित की गई है, हमने आज इसके दर्शन किए. हमने इसकी पूजा की. कुछ महीने पहले यहां एक दुर्घटना हुई थी. इसके बाद हमारी सरकार ने इसी स्थान पर महाराज की भव्य और दिव्य प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया था और रिकॉर्ड समय में प्रतिमा फिर से स्थापित की गई है. इसलिए मैं लोक निर्माण विभाग को बहुत तेजी से काम करने के लिए धन्यवाद देता हूं. साथ ही राम सुतार ने प्रतिमा का काम बहुत अच्छे से किया है. मैं इसके लिए भी उन्हें बधाई देता हूं.
किसी भी मौसम का सामना कर सकेगी प्रतिमा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कोंकण में अलग-अलग तरह के तूफान आते हैं. उन सबका अध्ययन करने के बाद या उससे भी ज्यादा शक्तिशाली तूफान आए तो भी यह प्रतिमा वहां टिकी रह सके, इस तरह से इसका डिजाइन किया गया है. यह प्रतिमा करीब 91 फीट ऊंची है. इसमें दस फीट का पेरिस्टाइल है.
आसपास के क्षेत्र का भी विकास किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रतिमा को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह हर तरह के वातावरण में कम से कम 100 साल तक टिकी रहेगी. प्रतिमा बनाने वालों को दस साल तक इसके रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें इसकी जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने इसकी गारंटी भी ली है. इसी वजह से पिछले दिनों जो भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, वह सब खत्म हो गई. इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत दादा और हमने तय किया था कि किसी भी परिस्थिति में इस स्थान पर महाराजा जैसी प्रतिमा बनाई जाए और आज वह प्रतिमा बनाई गई है.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हम आसपास के क्षेत्र को भी डेवलप करेंगे और वहां अच्छी व्यवस्था करेंगे, ताकि यहां आने वाले लोगों को यहां छत्रपति शिवाजी के स्वराज्य का अनुभव मिल सके. साथ ही आने वाले पर्यटक इसकी भव्यता को देख सकें. इस संबंध में उस स्थान पर आसपास के क्षेत्र का समुचित विकास किया जाएगा.
कोंकण के लिए सरकार के एजेंडे में प्राथमिकता
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हमने देखा होगा कि सरकार ने पिछले ढाई से तीन वर्षों में बहुत अच्छा काम किया है, चाहे वह 2014 से 2019 तक हो या शिंदे के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल हो. हमारी सरकार की भूमिका यह रहेगी कि हम कोंकण को अधिकतम धन उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे और इसे यथासंभव विकसित करने का प्रयास करेंगे, खासकर पर्यटन के मामले में. हमने राज्य की सुरक्षा की समीक्षा की है.”
उन्होंने कहा, “मैं, शिंदे और सभी वरिष्ठ अधिकारी वहां थे. सभी एसओपी को तदनुसार संशोधित किया गया है. ऐसे सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं. जिलों में व्यवस्था भी की गई है. मुझे लगता है कि हम पूरी तरह से तैयार हैं.”
स्वाभिमान, गौरव और शौर्य का प्रतीक है प्रतिमा
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “आज का दिन हम सबके लिए खुशी और गर्व का दिन है, स्वाभिमान का दिन है. दुर्घटना के बाद उसी दिन निर्णय लिया गया और प्रतिमा को वैसे ही स्थापित करने का निर्णय लिया गय. मूर्तिकार राम सुतार ने रिकॉर्ड समय में प्रतिमा का निर्माण किया है. महाराज की एक भव्य और दिव्य प्रतिमा स्थापित की गई है. यहां आने वाले लोग प्रेरणा और ऊर्जा के बिना नहीं रहेंगे. यह प्रतिमा महाराष्ट्र के सभी शिव भक्तों के स्वाभिमान और शौर्य का प्रतीक है. यह प्रतिमा वास्तव में पर्यटकों और शिव भक्तों के लिए सम्मान का स्मारक होगी.