नई दिल्ली:– NDA यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी से 17 महिला कैडेट्स पास हो रही हैं। इतिहास में ये पहली बार है जब 17 महिला कैडेट्स 300 से ज्यादा पुरुषों के साथ NDA से ग्रेजुएट हो रही हैं। यह भारतीय सेना, नेवी और एयर फोर्स जॉइन करेंगी। 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को NDA परीक्षा देने की अनुमति देने का आदेश दिया था। इसके बाद 2022 में पहली बार 17 महिला कैडेट्स का बैच NDA में शामिल हुआ था।
बता दें कि पासिंग आउट परेड पुणे के खडकवासला स्थित NDA परिसर में शुरू हो गई है। परेड में कैडेट्स के माता-पिता, सीनियर सैन्य अधिकारी और विशेष आमंत्रित गेस्ट्स शामिल हुए हैं।
दी गई डिग्री
सत्रह महिला कैडेट के पहले बैच ने बृहस्पतिवार को यहां राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उन्हें 300 से अधिक पुरुष कैडेट के साथ डिग्री प्रदान की गई। इनमें से 84 कैडेट को बीएससी, 85 को कंप्यूटर साइंस, 59 को ‘बैचलर ऑफ आर्ट्स’ (बीए) और 111 को बीटेक की डिग्री प्रदान की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा, “…मुझे बताया गया है कि पिछले एक दशक में एनडीए ने 40,000 से अधिक अधिकारी तैयार किए हैं, जिन्होंने युद्ध और शांति दोनों ही समय में भारत को गौरवान्वित किया है।”
टंडन ने कहा, “उन्होंने एक शानदार रास्ता तय किया है, कानून और सेवा की उच्चतम परंपराओं को कायम रखा है और साहस के अध्यायों को स्वर्ण अक्षरों में लिखा है।” उन्होंने कहा, “आज मुझे 148वें पाठ्यक्रम के कैडेट को डिग्री प्रदान करने और योग्य व्यक्तियों को सम्मान व ट्रॉफी प्रदान करने का सौभाग्य मिला।”
148वीं पासिंग आउट परेड
उन्होंने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने के लिए सभी कैडेट को बधाई दी। कैडेट लकी कुमार ने विज्ञान स्ट्रीम में पहला स्थान हासिल किया। बटालियन कैडेट कैप्टन प्रिंस कुमार सिंह कुशवाह ने कंप्यूटर साइंस स्ट्रीम में टॉप किया, जबकि 17 महिला कैडेट में से एक डिवीजन कैडेट कैप्टन श्रीति दक्ष ने आर्ट्स स्ट्रीम में पहला स्थान हासिल किया। अकादमी कैडेट कैप्टन उदयवीर सिंह नेगी बीटेक स्ट्रीम में टॉपर बने। 148वें कोर्स की पासिंग आउट परेड (पीओपी) 30 मई यानी आज एनडीए में आयोजित की जा रही है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद 2021 में महिलाओं को रक्षा अकादमी में आवेदन करने की अनुमति दी थी।