मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: – छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण शुरू हो गया है. इसमें शिक्षक उपलब्धता, छात्र संख्या समेत भवन की स्थिति को आधार बनाया गया है. नए सत्र के साथ ही कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी. एमसीबी जिले में लगभग 193 स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी की जा रही है.
ग्रामीणों ने सीएम से की थी शिकायत: एमसीबी जिले के कुंवारपुर में सुशासन तिहार के अंतिम चरण में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जब पहुंचे थे, तब यहां के ग्रामीणों ने शिक्षकों की कमी की शिकायत की थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री के द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिये युक्तियुक्तकरण करने का निर्णय लिया गया.
मर्ज होंगे स्कूल: नए शिक्षा सत्र के साथ स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी. ब्लॉक स्तर पर गठित समिति स्कूलों का परीक्षण करेगी. जिन ग्रामीण क्षेत्रों में 10 से कम और जिन शहरी क्षेत्र में 30 से कम दर्ज संख्या है, वहां एक ही परिसर में संचालित स्कूलों में प्राथमिक स्कूलों का मिडिल स्कूलों में मर्ज किया जाएगा, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा.
बच्चों को मिलेगी बेहतर शिक्षा: शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रधान पाठक शेषनारायण यादव ने कहा, एक ही बाउंड्री के अंदर सभी विद्यालय रहेंगे तो छात्र छात्राओं को अच्छी शिक्षा मिलेगी. संकुल क्षेत्र में कई जगह एकल शिक्षक हैं, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है. सीएम के दौरे में ग्रामीणों ने पहुंच कर शिकायत की थी.
कम शिक्षक से खुद शिक्षक होते हैं परेशान: पीएम श्री प्राथमिक शाला माथमौर की शिक्षका निर्मला पाण्डेय ने बताया कि हमारे स्कूल में शिक्षकों की कमी है. 66 छात्र छात्राएं हैं. उन्हें दो टीचर कैसे पढ़ा पाएंगे. कई तरह की जानकारी हमें बनानी पड़ती है. कैसे हम पढ़ा पाएंगे?
शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित: ग्रामीण ठाकुर दिन ने बताया, ”मेरे दोनों बच्चे शासकीय स्कूल में पढ़ते हैं. पीएम श्री और हाईस्कूल में टीचर की कमी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.”
ग्रामीण महिला नविता सिंह ने बताया, ”हमारे क्षेत्र में शिक्षक की बहुत जरूरत है. शिक्षक नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई बहुत ही निचले स्तर पर आ रही है. वहीं 10वीं,11वीं,12वीं की क्लास में हर सब्जेक्ट में अलग अलग शिक्षक होने चाहिये.”
वनांचल में शिक्षकों की कमी दूर होगी: जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा ने कहा कि शालाओं को लेकर युक्तियुक्तकरण के आदेश जारी हुए हैं. जिन शालाओं व स्कूलों में अतिशेष शिक्षक हैं, उसमें कार्यवाही की जानी है. बच्चों की दर्ज संख्या के आधार पर शिक्षकों की उपस्थिति हो, उपलब्धता हो, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कार्यवाही की जा रही है. यह सरकर की सराहनीय पहल है. निश्चित रूप से वनांचल क्षेत्र में शिक्षकों की कमी है. सरकर की इस योजना के तहत शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा.