
छत्तीसगढ़ राज्य में गऊरा गऊरी लोक उत्सव है । लक्ष्मी पूजा के बाद बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है । गऊरा है शिव तथा गऊरी है पार्वती । इस पूजा में सभी जाति समुदाय के लोग शामिल होते हैं । त्यौहार की शुरुआत दीपावली पूजा के दिन होती है । शाम मे लोग गांव के बाहर जाते हैं और एक स्थान पर पूजा पूजा कर उस स्थान से मिट्टी लेकर गांव आते हैं । गांव वापस आने के बाद मिट्टी से शिव – पार्वती ( गऊरा गऊरी ) की मूर्ति बनाते हैं । गऊरा बैल सवारी और पार्वती कछुए की सवारी । इन मूर्तियो को लकड़ी के पिड़हे पर रखकर सजाया जाता है । रात को लक्ष्मी पूजा के बाद गऊरा गऊरी की झांकी पूरे गांव में घुमाई जाती है । घूमते वक्त दो कुंवारे लड़के या लड़की गऊरा गऊरी के पिड़हे को सर पर रखकर चलते हैं । और आसपास गऊरा गऊरी गीत आरम्भ हो जाते हैं , मांदर की थाप पर लोग नाच – गाना भी करते हैं ।