रायपुर :–राजधानी रायपुर से सटे विकासखण्ड आरंग के ग्राम गुल्लू की तस्वीरें आज भी विकास से कोसों दूर हैं। यहां की सड़कें ऐसी बदहाल हैं कि पैदल चलना तो दूर, मोटर साइकिल और फोर व्हीलर तक फिसल जाते हैं। आए दिन गिरकर ग्रामीण चोटिल होते हैं, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि गांव में कई बार अलग-अलग सरपंच चुने गए, लेकिन कोई भी ग्राम का कायाकल्प नहीं कर सका। गांव की सड़कों की स्थिति देखकर ऐसा लगता है मानो कोई नर्क का अड्डा हो। सड़कें कीचड़ और गड्ढों से पट चुकी हैं। न कोई मुरुम डाला गया, न ही मरम्मत के नाम पर कोई प्रयास दिखाई देता है।

“अब तो हद हो गई है, यदि सरपंच और जनप्रतिनिधियों से यह काम नहीं हो पा रहा, तो उन्हें बोरिया-बिस्तर समेट कर चले जाना चाहिए,” यह कहना है गांव के परेशान ग्रामीणों का।
उन्होंने बताया कि कई पंचवर्षीय योजनाएं निकल चुकी हैं, फिर भी ग्राम गुल्लू की सड़कें वहीं की वहीं खड़ी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि किसी दिन इसी रास्ते से गुजरते वक्त कोई जान चली गई, तब शायद सरपंच से लेकर विधायक तक की नींद टूटेगी।

गंदगी में ‘स्वच्छ भारत’ का सपना
गांव में गंदगी की भरमार है, नालियां जाम हैं, और गलियों में मच्छरों का साम्राज्य है। लेकिन इसी गंदगी में गांव के जनप्रतिनिधि गर्व से गुजरते हैं। ग्रामीण पूछते हैं कि क्या यही है स्वच्छ भारत अभियान का ज़मीनी स्वरूप?
सरकार और प्रशासन से मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और शासन से गुहार लगाई है कि गांव का निरीक्षण किया जाए और प्राथमिकता पर रोड निर्माण कार्य शुरू हो। उनका कहना है कि यदि जल्द सुनवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे और राजधानी तक पैदल मार्च निकालने को मजबूर होंगे।
