कोरबा :- किसी न किसी मामले को लेकर चर्चा में रहने वाले पसान रेंजर एक बार फिर सुखियों में है। इस बार उन पर लकड़ी तस्करों को लेन देन कर छोड़ने का गंभीर आरोप लगा है यह पूरा मामला वन मंडल कटघोरा के वन परिक्षेत्र पसान अंतर्गत ग्राम कोटमर्रा का है। बताया जा रहा है कि कोटमर्रा कम्पार्टमेंट नं. पी 188 में नीलगिरी का प्लांटेशन किया गया था।
जिसमे पौधे पेड़ का भी रूप ले चुके हैं। इन पेड़ों पर लकड़ी तस्करों की नजर पड़ गई जिसका खुलासा उस वतक्त हुआ जब प्लांटेशन के भीतर भारी संख्या में नीलगिरी को काटे जाने के प्रमाण मिले । इन पेड़ों की कटाई गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के लकड़ी तस्करों ने की थी। उन्होंने प्लांटेशन में 200 से अधिक नीलगिरी के हरे भरे पेड़ों को काट डाला। इन पेड़ों को माजदा वाहन में भरकर ले जाया जाता है इस से पहले ग्रामीणों को भनक लग गई। उनके विरोध पर लकडी तस्करों को बैरंग लौटना पड़ा।
मामले में उस वक्त नया मोड़ आया जब पेड़ कटाई की सूचना ग्रामीणों ने वन अमले को दी। तो वनकर्मी मौके पर पहुंचे। इसके साथ हीbवनपरिक्षेत्राधिकारी ने घटना की जानकारी होने के बावजूद माजदा वाहन को छोड़ दिया गया। जिससे वन परिक्षेत्राधिकारी पर लेन देन की आशंका भी जताई जा रही है। मामले में वनप्रबंधन समिति के अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद व चुन्ना सिंह ने बताया कि शनिवार की शाम गौरेला पेंड्रा मरवाही के एक बिना नंबर के माजदा वाहन को वन अधिकारियों के द्वारा ग्राम कोटमर्रा के पी 188 कम्पार्टमेंट में पकड़ा गया था। तस्कर नीलगिरी के पेड़ों का अवैध रूप से कटाई कर लोडिंग व परिवहन के फिराक में थे। ग्रामवासी व वन प्रबंधन समिति की सक्रियता से उक्त वाहन को पकड़ लिया गया। जिसकी सूचना परिक्षेत्र अधिकारी पसान को दी गई। परिक्षेत्र अधिकारी दल बल के साथ आए और माफियाओं से मिलकर मोटी रकम लेकर उक्त वाहन को छोड़ दिया गया। जिससे वनमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं। नीलगिरी कटाई की चर्चा पूरे क्षेत्र में बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि इसके पूर्व भी इन्हीं माफियाओं ने नीलगिरी और रोमल की लकड़ी का अवैध परिवहन किया जा चुका है। वनों की इस कदर अवैध कटाई होती रही तो पूरा जंगल विरान हो जाएगा। ग्रामीणों ने डीएफओ कटघोरा को अवगत कराते हुए जांच कर दोषी कर्मचारियों व वनमाफियाओं के विरूलद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है।