सूरजपुर:- जिले में बाल मजदूरी का मामला सामने आया है। शनिवार को प्रशासन को सूचना मिली कि रामानुजनगर के जगतपुर गांव के पास स्कूली बच्चों को चार वाहनों में भरकर धान की रोपाई के लिए ले जाया जा रहा है। इस पर रेस्क्यू टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 30 बच्चों को मुक्त कराया। टीम ने मौके पर बच्चों की काउंसिलिंग भी की।
जानकारी के अनुसार, बच्चों से खेतों में काम करवाने के एवज में 300 से 350 रुपये पारिश्रमिक दिया जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में इस तरह बच्चों से मजदूरी कराना आम बात बन चुकी है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने कहा कि नाबालिग बच्चों से श्रम कराना गंभीर अपराध है और इसमें शामिल किसी को नहीं बख्शा जाएगा।
रेस्क्यू ऑपरेशन की सूचना जैसे ही फैली, मजदूरी से जुड़े लोग बच्चों को वाहनों से उतारकर भागने लगे। मामले में शामिल आरोपितों के खिलाफ सोमवार को रामानुजनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। प्रशासन ने कहा है कि आगे भी इस तरह की घटनाओं पर सख्ती से नजर रखी जाएगी।
बाल मजदूरी के मामले
बाल मजदूरी पर लगातार प्रशासन नकेल कस रही है, उसके बावजूद इस तरह की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे तमाम मामले सामने आते रहते हैं जहां मजबूरी का फायदा उठा कर बाल मजदूरी की जैसे काम करवाए जाते हैं।