रायपुर :– छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अक्सर नकली पनीर पकड़ने की खबरें सामने आती रहती हैं, जो न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है, बल्कि खाद्य सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करती है. बाजार में बिकने वाला नकली पनीर डिटर्जेंट, यूरिया और अन्य हानिकारक रसायनों से युक्त होता है, जो सीधे-सीधे सेहत के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आम उपभोक्ता खुद ही नकली और असली पनीर की पहचान कर सके, ताकि स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से बचाव हो सके.
नकली पनीर में अक्सर डिटर्जेंट, यूरिया
राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के लैब टेक्नीशियन प्रकाश परमार के अनुसार, असली पनीर वही होता है जो शुद्ध गाय के दूध से तैयार किया जाता है. नकली पनीर में अक्सर डिटर्जेंट, यूरिया या अन्य मिलावटी पदार्थ मिलाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं. उन्होंने बताया कि बाजार में ‘एनालॉग पनीर’ नामक उत्पाद भी बिकता है, जो दूध के प्राकृतिक फैट को हटाकर उसमें एसएमपी यानी स्किम्ड मिल्क पाउडर और अन्य तत्व मिलाकर तैयार किया जाता है. ये सभी प्रक्रियाएं पनीर की गुणवत्ता और शुद्धता को प्रभावित करती हैं.
जांच बेहद सस्ता और सुलभ
लैब टेक्नीशियन ने प्रकाश परमार ने नकली पनीर की पहचान के लिए एक आसान घरेलू उपाय भी बताया, इसके लिए बाजार में उपलब्ध आयोडीन सॉल्यूशन का उपयोग किया जा सकता है. पनीर के छोटे टुकड़े को हल्का कुनकुना गर्म करके उसमें आयोडीन सॉल्यूशन की 2-3 बूंदें डालें. यदि पनीर में स्टार्च की मिलावट होगी, तो उसका रंग सफेद से बदलकर बैंगनी या गाढ़ा नीला हो जाएगा. यह स्पष्ट संकेत है कि पनीर में स्टार्च मिलाया गया है, और वह नकली है . स्टार्च एक ऐसा पदार्थ है जो पनीर के नेचुरल फैट को हटाकर उसके गाढ़ेपन को बनाए रखने के लिए मिलाया जाता है. यह जांच बेहद सस्ता और सुलभ है, जिसे कोई भी व्यक्ति घर पर कर सकता है.
लैब टेक्नीशियन प्रकाश परमार ने बताया कि यदि किसी को शक है कि बाजार से खरीदा गया पनीर मिलावटी हो सकता है, तो वह राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में भी इसकी गहन जांच करवा सकता है. यहां अत्याधुनिक उपकरणों और रासायनिक परीक्षणों के माध्यम से पनीर की शुद्धता की सटीक जांच की जाती है.
राजधानी में आए दिन नकली पनीर पकड़े जाने की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि खाद्य मिलावटखोर सक्रिय हैं और जनता की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को जागरूक रहने की जरूरत है. सरकार और खाद्य विभाग के साथ-साथ आम जनता को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. घर पर ही आसान परीक्षण कर नकली पनीर की पहचान कर हम स्वयं को और अपने परिवार को मिलावट के जहर से बचा सकते हैं.