नई दिल्ली:– इस विषय पर कई साइंस फिक्शन फिल्में भी बन चुकी हैं, जिसमें मशीनों के जरिए लोगों को अंदाजा लगाते हुए देखा होगा कि उनकी कितना उम्र बाकी है? अगर आज के समय में आपसे कहा जाए कि ऐसा वास्तव में भी हो सकता है, तो क्या आप इसपर भरोसा करेंगे?
ये बातें आपको फिल्मी और कल्पनाओं वाली लग सकती हैं, पर यूएस और फ्रेंच वैज्ञानिकों ने एक ऐसे गेम-चेंजिंग टेस्ट की खोज करने का दावा किया है जो जीवनकाल की भविष्यवाणी कर सकता है। मतलब, इस टेस्ट की मदद से आप जान सकते हैं कि अभी आपकी जिंदगी कितनी शेष है?
इसके लिए वैज्ञानिकों ने इंट्रिन्सिक कैपेसिटी (आईसी) का उपयोग किया है, जो सभी प्रकार की शारीरिक और मानसिक स्थितियों, जिसमें चलने, सोचने, देखने, सुनने और याद रखने की क्षमताओं का टेस्ट किया जाता है। ये लंबे समय से स्वस्थ तरीके से उम्र बढ़ने का एक अच्छा मार्कर माना जाता है।
अब तक, आईसी को मापना एक महंगा और समय लेने वाला आकलन माना जाता रहा है। इस पर काम करते हुए अब वैज्ञानिकों ने एक साधारण लार या रक्त का परीक्षण तैयार किया है, जो डीएनए मिथाइलेशन पैटर्न की निगरानी करके आईसी को माप सकता है।
डीएनए मिथाइलेशन पैटर्न, हमारे शरीर का कैमिकल टैग होते हैं, जो शरीर में जीन गतिविधि को नियंत्रित करते हैं । इनकी मदद से किसी व्यक्ति की जैविक उम्र का अनुमान लगाया जा सकता है।
ये अध्ययन 10 साल तक चला, जिसमें 20 से 102 वर्ष की आयु के 1,000 से अधिक वयस्कों को ट्रैक किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन प्रतिभागियों का आईसी स्कोर हाई था, वे लोग औसतन 5.5 वर्ष अधिक जीवित रहे। हाई आईसी स्कोर वाले लोगों के फेफड़े बेहतर कार्य कर रहे थे, चलने की गति तेज थी, हड्डियां मजबूत थीं और वे खुद को मानसिक तौर पर स्वस्थ मान रहे थे।
वहीं, लो आईसी स्कोर का संबंध आयु-संबंधी बीमारियों जैसे हृदय रोग और स्ट्रोक से होने वाली मृत्यु के जोखिम में वृद्धि को दर्शाता है।
मसलन जिनका आईसी स्कोर कम था उनकी उम्र भी कम देखी गई और ऐसे लोगों को असमय मृत्यु का खतरा भी अधिक था।
शिकागो स्थित रश इंस्टीट्यूट फॉर हेल्दी एजिंग के प्रोफेसर थॉमस हॉलैंड कहते हैं, इंट्रिन्सिक कैपेसिटी का पता लगाने के लिए रक्त या लार-आधारित परीक्षण बहुत ही आशाजनक उपकरण है। इससे हमें न केवल व्यक्ति की उम्र का पता चलता है, बल्कि यह टेस्ट ये भी बताता है कि आपकी उम्र कितनी अच्छी तरह बढ़ रही है।
इससे यह जानने में भी मदद मिल सकती है कि भविष्य में स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए पहले से किसी प्रयास की आवश्यकता है या नहीं। यह परीक्षण न केवल आपकी वर्तमान स्थिति की एक झलक देता है, बल्कि इससे भविष्य में स्वास्थ्य के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने आहार और जैविक उम्र बढ़ने के बीच संबंधों का भी अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि जो लोग फैटी फिश खाते थे और चीनी का सेवन सीमित करते थे, उनका आईसी स्कोर अधिक थे।
अध्ययनकर्ताओं ने कहा, हमने पाया कि जिन लोगों का आईसी हाई था, उनकी डाइट अमूमन अच्छी थी। वो फैटी फिश अधिक खाते थे, लेकिन कैल्शियम सप्लीमेंट कम लेते थे। चीनी का सेवन कंट्रोल रहना आईसी स्कोर को अच्छा करता है।
फैटी फिश ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जिनमें सूजन-रोधी और तंत्रिकाओं को सुरक्षा देने वाले गुण होते हैं। इसके विपरीत, अत्यधिक चीनी का सेवन ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, इंसुलिन प्रतिरोध और सूजन को बढ़ाता है।
विशेषज्ञों ने शरीर को जवां बनाए रखने के लिए नियमित शारीरिक व्यायाम करने की सलाह दी है।