नई दिल्ली:– टेक्नोलॉजी की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रही है. अब चीन का एक शहर हांगझोउ (Hangzhou) इस दिशा में अनोखा कदम उठा रहा है. यहां की सरकार ने फैसला किया है कि प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में AI की पढ़ाई अनिवार्य होगी. यह कदम इसलिए लिया गया है ताकि बच्चे छोटी उम्र से ही इस उभरती तकनीक को समझ सकें और भविष्य के लिए बेहतर तैयारी कर सकें. यही शहर मशहूर AI कंपनी DeepSeek का घर है, जिसने हाल ही में ChatGPT को टक्कर देने वाला मॉडल लॉन्च करके दुनिया का ध्यान खींचा था.
हांगझोउ एजुकेशन ब्यूरो का कहना है कि उनका मकसद आने वाली पीढ़ियों को AI में दक्ष बनाना है. इसके लिए उन्होंने स्कूलों के लिए एक कुरिकुलम प्लान और टीचर्स के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं. बच्चों को सालभर में कम से कम 10 घंटे की AI क्लास लेनी होगी. स्कूल चाहें तो इसे एक हफ़्ते में गहन कोर्स की तरह पढ़ा सकते हैं या फिर इसे साइंस और आईटी सब्जेक्ट्स में जोड़ सकते हैं. स्कूलों को यह स्वतंत्रता दी गई है कि वे इसे अपनी सुविधा के अनुसार लागू करें. इसके अलावा, आफ्टर-स्कूल प्रोग्राम्स में भी बच्चों को AI की गतिविधियों से जोड़ने की योजना है.
छोटे बच्चों से लेकर बड़े छात्रों तक कैसा होगा AI कोर्स?
एजुकेशन डिपार्टमेंट ने ग्रेड्स के हिसाब से AI पढ़ाने की योजना बनाई है:
- प्रथम और द्वितीय कक्षा (Class 1-2): बच्चों को AI से परिचित कराया जाएगा. वे जानेंगे कि AI क्या है और रोजमर्रा की चीजों में इसका इस्तेमाल कैसे होता है. उन्हें AI डिवाइस इस्तेमाल करना भी सिखाया जाएगा.
- तृतीय और चतुर्थ कक्षा (Class 3-4): बच्चे AI का इस्तेमाल स्कूल प्रोजेक्ट्स में करेंगे. वे टेक्स्ट, इमेज और ऑडियो रिसोर्सेज इकट्ठा करना सीखेंगे और छोटे प्रोजेक्ट्स बनाएंगे.
- मिडिल स्कूल: यहाँ छात्रों को डेटा तैयार करना, मॉडल ट्रेनिंग करना और एल्गोरिदम के बेसिक सिद्धांत सिखाए जाएंगे.
- हाई स्कूल: इस लेवल पर छात्रों को AI डिजाइन प्रोजेक्ट्स पर काम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
हर लेवल पर छात्रों को एथिकल और जिम्मेदार AI इस्तेमाल की भी जानकारी दी जाएगी, ताकि वे प्राइवेसी और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस तकनीक का उपयोग करें.
क्यों जरूरी है यह कदम?
हांगझोउ एक innovation hub बन चुका है, जहां करीब 80 लाख लोग रहते हैं. AI तेजी से हर सेक्टर में प्रवेश कर रहा है – चाहे वो हेल्थकेयर हो, एजुकेशन हो या बिजनेस. ऐसे में बच्चों को शुरुआती उम्र से AI सिखाना चीन को भविष्य में और भी मजबूत बनाएगा. DeepSeek जैसी कंपनियां इस शहर को वैश्विक मानचित्र पर पहले ही चमका चुकी हैं. अब सरकार चाहती है कि आने वाले सालों में यहीं से AI एक्सपर्ट्स की नई पीढ़ी तैयार हो.