नई दिल्ली:– बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान को लेकर चारधाम तीर्थ-पुरोहित और हक-हकूकधारी महापंचायत एक बार फिर प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ मुखर हो गई है। उन्होंने सरकार पर धाम क्षेत्र के पौराणिक स्वरूप के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। तीर्थ-पुरोहितों ने सरकार के इस कदम से आपदा का अंदेशा जताया है। चेतावनी दी कि अगर सरकार की तानाशाही जारी रही तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
चारधाम तीर्थ-पुरोहित एवं हक-हकूकधारी महापंचायत ने सरकार पर देव क्षेत्र के पौराणिक स्वरूप के साथ छेड़छाड़ तथा स्थानीय कारोबारियों के हकों की भी अनदेखी का करने का आरोप सरकार पर लगाया है। शीघ्र ही महापंचायत की मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर व्यापक स्तर पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है।
मास्टर प्लान की आड़ में सरकार की मनमानी
रविवार को हरिद्वार रोड स्थित भगवान आश्रम में आयोजित बैठक में महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने कहा कि मास्टर प्लान की आड़ में सरकार मनमानी कर रही है। बदरीनाथ क्षेत्र एक टापू बसा है। वर्ष 1976 में यूपी शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा ने एनडी तिवारी कमेटी का गठन किया गया, जिसमें कमेटी ने स्पष्ट बताया था कि यह क्षेत्र टापू पर बसा है, जिसके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ से यहां आपदाओं का क्रम शुरू हो सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाह की तरह बर्ताव कर रही है, जिसमें स्थानीय कारोबारियों और लोगों के हकों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। मौके पर रमाबल्लभ भट्ट, सुरेंद्र भंडारी, आशाराम व्यास, संजय शास्त्री, अनिल स्वामी, कुसुम जोशी मौजूद रहीं।