छत्तीसगढ़:– प्रदेशभर के 16 हज़ार स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 19 दिनों से हड़ताल पर हैं। शुक्रवार को इन कर्मचारियों ने एकजुट होकर सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला लिया और एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले सीएमएचओ कार्यालय पहुंचे। कर्मचारियों ने यहां जमकर नारेबाजी की और सामूहिक इस्तीफा सौंपने की कोशिश की। लेकिन सीएमएचओ अपने चेम्बर से बाहर नहीं आए और कर्मचारियों का सामूहिक इस्तीफा लेने से इनकार कर दिया।
इस्तीफा न लिए जाने से नाराज कर्मचारी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां भी कलेक्टर मौजूद नहीं थे। अंततः कर्मचारियों ने अपने इस्तीफे सीएमएचओ कार्यालय की दीवार पर चिपका दिए और नारेबाजी करते हुए लौट गए।
एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष बृजमोहन करोलिया ने कहा कि सरकार कर्मचारियों पर दमनकारी नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश संगठन के कई पदाधिकारियों की बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन कर्मचारी डरने वाले नहीं हैं। उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
बृजमोहन करोलिया का कहना है कि सीएमएचओ पर सरकार का दबाव है, इसलिए उन्होंने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। सरकार हम पर दमनकारी योजनाएं लागू कर रही है। हम डरेंगे नहीं और आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन करेंगे।
इधर, कर्मचारी धैर्य देवी मिरी ने भी बर्खास्तगी की कार्रवाई की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारी मांगों को पहले जायज माना था और वार्ता भी की थी। अब बर्खास्तगी के आदेश देकर हमें डराने की कोशिश की जा रही है। लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे सीएमएचओ की ओर से यह जानकारी दी गई कि कलेक्टर के निर्देश पर सामूहिक इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया। कर्मचारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया तो यह आंदोलन और बड़ा रूप लेगा।