नई दिल्ली:– केंद्र सरकार की ओर से कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। पेंशन फंड रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने UPS और NPS के बीच स्विच को लेकर विस्तृत नियम जारी कर दिए हैं। अब कर्मचारी एकमुश्त विकल्प चुनकर यूपीएस से एनपीएस में जा सकते हैं, लेकिन इसमें कई शर्तें तय की गई हैं। आईये जानते हैं विस्तार से.
साल पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति वीआरएस से 3 महीने पहले तक अपना विकल्प चुन सकते हैं।
-एक बार यह स्विच हो जाने के बाद, कर्मचारी वापस यूपीएस में स्विच नहीं कर सकते।
-जिन कर्मचारियों को सेवा से हटाया गया है वह इस सुविधा का लाभ नहीं ले पाएंगे।
-सरकार ने इस सुविधा के तहत 4% का अंतर योगदान भी प्रदान किया है।
साथ ही सरकार ने साफ किया है कि 30 सितंबर 2025 के बाद एनपीएस में रह रहे कर्मचारी यूपीएस को नहीं चुन पाएंगे। यह अंतिम तारीख उन रिटायर्ड एनपीएस सब्सक्राइबर्स और मौजूदा कर्मचारियों पर भी लागू होगी जो यूपीएस में आना चाहते हैं इसके तहत आने वाले कर्मचारी सीसीएस पेंशन नियम, 2021 या सीसीएस असाधारण पेंशन नियम, 2023 के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे।
यूपीएस में क्या मिलेगा फायदा?
– इसका सबसे महत्वपूर्ण लाभ है गारंटीड पेंशन, जो की इसे NPS से अलग दर्शाता है क्योंकि इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव से पेंशन की राशि पर कोई असर नहीं पड़ता।
– यूपीएस में 25 साल की सेवा के बाद, सेवा के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50% के बराबर सुनिश्चित मासिक पेंशन मिलती है।
– 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम ₹10,000 प्रति माह की पेंशन गारंटी मिलती है।
– कुछ शर्तों के तहत, कर्मचारियों को एकमुश्त रकम और हर महीने टॉप-अप राशि भी मिल सकती है।
– इसके अलावा कर्मचारियों को अपने बेसिक वेतन और डीए का 10% योगदान करना होगा, जबकि सरकार 18.5% का योगदान करेगी।
– यह स्कीम रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को आर्थिक रूप से सुरक्षित रखने का एक बेहतर विकल्प है कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में, पेंशन राशि का 60% परिवार को फैमिली पेंशन के तौर पर मिलता है।
– रिटायरमेंट और मृत्यु दोनों ही स्थितियों में कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भी मिलेगी।
कैसे उठा सकते हैं लाभ ?
– यूपीएस में कर्मचारी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर यूपीएस के लिए रजिस्टर्ड करना होगा।
– इसके बाद माइग्रेट फ्रॉम एनपीएस टू यूपीएस का विकल्प चुनना होगा।
– इसके बाद आपको आवश्यक डिटेल भर के सबमिट करना होगा।
– वहीं ऑफलाइन आवेदन के लिए आपको प्रक्रिया से संबंधित फॉर्म डाउनलोड करके भरने होंगे और अपने डीडीओ के पास जमा करना होगा।
– इसके बाद आपका आवेदन पत्र पीएओ को भेजा जाएगा।
– यह प्रक्रिया आपको 30 सितंबर तक पूरी करनी होगी।
यह NPS से कैसे अलग है?
एनपीएस यह बाजार से जुड़ी रिटर्न पर आधारित है, जिसमें पेंशन राशि में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
यूपीएस UPS: यह निश्चित पेंशन की गारंटी देती है, जिससे रिटायरमेंट के बाद एक स्थिर और सुरक्षित आय सुनिश्चित होती है।
UPS और NPS में मुख्य अंतर
गारंटी: एनपीएस में गारंटी नहीं है, यूपीएस में न्यूनतम पेंशन की गारंटी है।
योगदान: एनपीएस में कर्मचारी को निवेश करना होता है, जबकि यूपीएस में सरकारी गारंटी होती है।
महंगाई से सुरक्षा: यूपीएस में महंगाई से निबटने का प्रावधान है, जो एनपीएस में नहीं है।