नई दिल्ली:– केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम से जुड़े नए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इन नियमों के तहत अब कर्मचारियों को 20 साल की नियमित सेवा पूरी करने पर पूर्ण पेंशन का लाभ मिलेगा, जबकि पहले इसके लिए 25 साल की सेवा अनिवार्य थी। रकार के इस निर्णय से लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा, जो लंबे समय से इस सीमा को कम करने की मांग कर रहे थे। नई व्यवस्था 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी और इसे नेशनल पेंशन स्कीम के विकल्प के रूप में लागू किया गया है।
दिव्यांगता या मृत्यु पर भी मिलेगा लाभ
नए नियमों के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी सेवा के दौरान दिव्यांग हो जाता है या उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसे या उसके परिजनों को CCS पेंशन नियमों या UPS नियमों के तहत विकल्प चुनने की सुविधा मिलेगी। इससे दिव्यांग कर्मचारी अथवा दिवंगत कर्मचारी के आश्रितों को पेंशन का सुरक्षित लाभ मिल सकेगा।
UPS के अंतर्गत सरकार और कर्मचारी दोनों का योगदान
UPS में सरकार और कर्मचारी दोनों योगदान करते हैं। अगर किसी कारणवश पेंशन योगदान या रजिस्ट्रेशन में देरी होती है, तो सरकार द्वारा कर्मचारियों को मुआवजा भी दिया जाएगा। त्त मंत्रालय ने हाल ही में बयान जारी करते हुए बताया कि UPS के पात्र कर्मचारी एक बार के विकल्प के रूप में NPS से UPS में स्विच कर सकते हैं। यह विकल्प कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति से एक साल पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्त लेने से तीन महीने पहले चुन सकते हैं। लांकि, ऐसे कर्मचारी जो अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत पद से हटाए गए हैं या जिन पर कोई गंभीर जांच लंबित है, वे इस स्विच का लाभ नहीं उठा सकेंगे। इसके लिए 30 सितंबर 2025 तक की समय-सीमा निर्धारित की गई है।